नई दिल्ली: भारत में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी बसों, ट्रकों एवं कारों को चलाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं। गडकरी ने कहा कि वह शहरों में सीवेज के पानी तथा ठोस कचरे का इस्तेमाल करके हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने की भी योजना बना रहे हैं। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का दावा है कि वह शीघ्र ही दिल्ली की सड़कों पर ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार दौड़ाने वाले हैं। संभव है कि वह 1 जनवरी को ऐसा कर भी दें। इसके लिए उन्होंने पायलट परियोजना के तहत एक कार खरीदी है तथा फरीदाबाद के एक ऑयल रिसर्च सेंटर से ग्रीन हाइड्रोजन ली है। उन्होंने बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम के चलते कहा कि वह शीघ्र ही कार लेकर निकलेंगे जिससे लोगों को बता सकें कि ऐसा संभव है।
जानें क्या है गडकरी की योजना?
गडकरी ने कहा, “मैं अगले दो-तीन दिनों में एक फाइल पर हस्ताक्षर करने जा रहा हूं, जिसमें कार मेकर्स को 100 फीसदी बायो-एथेनॉल से चलने वाले इंजन बनाने के लिए बोला जाएगा।” मंत्री ने आगे बताया कि देश वर्तमान में प्रत्येक वर्ष 8 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोल, डीजल तथा पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है। उन्होंने कहा, “यदि देश इसी प्रकार अपनी खपत जारी रखता है, तो इसका आयात बिल अगले 5 सालों में बढ़कर 25 लाख रुपये हो जाएगा।”
वाहन ग्रीन हाइड्रोजन पर चलेंगे:-
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाले सार्वजनिक परिवहन चलाने की रणनीति बना रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि कार, बस, ट्रक सब कुछ ग्रीन हाइड्रोजन से ही चले। इसके लिए नदी-नालों में गिरने वाले गंदे पानी का इस्तेमाल किया जाए, उनसे ग्रीन हाइड्रोजन तैयार की जाए। गडकरी ने यह भी बताया कि वह दिन दूर नहीं जब वाहन ग्रीन हाइड्रोजन पर चलेंगे।
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