जाते-जाते लोगों को जिंदगी की 5 बड़ी सीख दे गए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, देखिए उनकी ये आखिरी चिट्ठी

जाते-जाते लोगों को जिंदगी की 5 बड़ी सीख दे गए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, देखिए उनकी ये आखिरी चिट्ठी
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नई दिल्ली: तमिलनाडु में  8 दिसंबर को हुए भयावह हेलिकॉप्टर क्रैश में अकेले जिन्दा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को लेकर भारतीय वायु सेना ने आज मंगलवार को बताया है कि कैप्टन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। बता दें कि इससे पहले वायु सेना ने जानकारी दी थी कि सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है और उनका इलाज जारी है। वरुण सिंह का इलाज बेंगलुरु के कमांड हॉस्पिटल में चल रहा था, जहां उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। मगर जाते-जाते भी वे हमें जिंदगी की ऐसी सीख दे गए जो किसी भी साधारण विद्यार्थी को असाधारण बना सकती है. भारतीय वायु सेनामें ग्रुप कैप्टन रैंक पर पदस्थापित वरुण सिंह को अगस्त 2021 में शॉर्य चक्र से नवाजा गया था. शॉर्य चक्र प्राप्त होने के एक महीने पश्चात् सितंबर 2021 में वरुण ने उस स्कूल को पत्र लिखा था जहां से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी. इस पत्र में वरुण ने बताया था कि वह कितने साधारण विद्यार्थी थे तथा कैसे उन्होंने स्वयं को एक बेहतरीन करियर एवं असाधारण जिंदगी के लिए तैयार किया. उस पत्र में उन्होंने विद्यार्थियों के लिए ऐसी 5 बड़ी सीख दी थी जो हम सभी को एक बेहतरीन करियर, लाजवाब शख्सियत तथा जीवन में ढेरों सफलताओं के लिए प्रेरित कर सकती है. पढ़िये उनके पत्र के प्रमुख अंश –

आईएएफ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की चिट्ठी:-
‘मैं एक बेहद ही साधारण विद्यार्थी था. कक्षा 12 में मुश्किल से फर्स्ट डिवीजन मार्क्स मिले थे. हालांकि मैं बहुत अनुशासित था, मगर फिर भई खेल एवं अन्य को-करिकुलर गतिविधियों में बिल्कुल साधारण था. मगर मुझमें हवाई जहाजों तथा एविएशन को लेकर जुनून था. मैं एनडीए (NDA) गया, ऑफिसर कैडेट के तौर पर पास हुआ. मगर पढ़ाई या खेल किसी में कभी बेहद अच्छा नहीं कर सका. सबकुछ तब बदला जब मैं एयरफोर्स एकेडमी पहुंचा. मुझे एहसास हुआ कि एविएशन के लिए मेरा जुनून मुझे शेष मित्रों से थोड़े बेहतर बनाता है. तब भी मुझमें अपनी काबिलियत पर भरोसे की कमी थी. आत्मविश्वास की कमी थी. क्योंकि मुझे हमेशा लगता था कि मैं साधारण बन रहने के लिए ही हूं. मगर फाइटर स्क्वॉड्रन में बतौर यंग फ्लाइट लेफ्टिनेंट कमीशन पाने के पश्चात् मुझे लगा कि यदि मैं अपना दिल एवं दिमाग इस काम में लगा दूं, तो अच्छा कर सकता हूं. मैंने स्वयं को अपना बेस्ट बनाने पर काम आरम्भ किया. पहले की भांति केवल पास हो जाने के उद्देश्य के विपरीत. यह वो वक़्त था जब मेरी व्यक्तिगत तथा व्यवसायिक जिंदगी में सबकुछ बदलना आरम्भ हुआ. आज मैं अपने करियर में कठिन पड़ावों तक पहुंचा हूं.’

विद्यार्थियों के लिए 5 सबसे जरूरी सीख:-
1- ‘एक साधारण विद्यार्थी होने में कोई बुराई नहीं है. विद्यालय में हर कोई अच्छा परफॉर्मेंस करे यह जरूरी नहीं. न ही हर किसी को 90 फीसदी से अधिक मार्क्स प्राप्त होते हैं. यदि आप ऐसा कर पाते हैं तो यह बेहतरीन कामयाबी है तथा इसकी प्रशंसा होनी चाहिए. मगर यदि आप स्कूल में बेहतर परफॉर्मेंस नहीं दे पाते, तो इसका अर्थ यह नहीं कि आप साधारण बने रहने के लिए ही बने हैं. आप विद्यालय में साधारण हो सकते हैं, मगर इससे यह तय नहीं हो सकता कि आपको जिंदगी में आगे क्या मिलेगा.’

2- ‘अपने भीतर की आवाज सुनें. यह आर्ट, म्यूजिक, ग्राफिक डिजाइन, लिटरेचर… कुछ भी हो सकता है. मगर जो भी करें, उसमें स्वयं को समर्पित करें. अपना बेस्ट दें.’

3- ‘कभी भी यह सोचकर सोने न जाएं कि मैं थोड़ी और प्रयास कर सकता/ सकती थी.’ मतलब प्रतिदिन अपने लक्ष्य की दिशा में हर छोटे से छोटे काम में भी अपना 100 फीसदी दें.

4- ‘ये बिल्कुल न सोचें कि 12वीं बोर्ड परीक्षा के मार्क्स यह तय तरेंगे कि आप जिंदगी में क्या कुछ हासिल कर सकते हैं. स्वयं पर भरोसा रखें तथा अपने सपनों की दिशा में काम करें.’

5- ‘कभी भी उम्मीद न छोड़ें. कभी ये न सोचें कि आप जो बनना चाहते हैं, उसमें आप अच्छा नहीं कर सकेंगे. यह सरलता से नहीं प्राप्त होगा. मेहनत लगेगी, प्रयास करना होंगे. समय एवं आराम का बलिदान देना होगा.’

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