श्रीहरिकोटा : आज भारत अंतरिक्ष में इतिहास रचने जा रहा है. जीएसएलवी पार्क 3 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इसका सोमवार शाम को 5.28 बजे श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपण होगा. बता दे कि जीएसएलवी एमके थ्री भारत का सबसे भारी रॉकेट है. यदि यह सफल होता है तो भारत की अंतर्राष्ट्रीय लाॅन्चिंग व्हिकल्स पर अपनी निर्भरता कम हो जाएगी. भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. जहां भारत 103 सैटेलाईट प्रक्षेपित कर चुका है, वहीं अब वह जीएसएलवी मार्क 3 प्रक्षेपित कर रहा है.
इस मामले में इसरो अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने कहा कि जीएसएलवी मार्क 3 4000 किलो तक के पेलोड को उठाकर जीटीओ और 10 हजार किलो तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने में सक्षम है. इनके प्रक्षेपण के साथ ही डिजिटल भारत को मजबूती मिलेगी. साथ ही ऐसी इंटरनेट सेवाएं मिलेगी जैसे पहले कभी नहीं मिलीं.
इससे सैटेलाईट्स को 36 हजार किलोमीटर दूर की भू स्थिर कक्षा में लाॅन्च किया जा सकता है. यदि यह प्रोजेक्ट सफल होता है तो यह इसरो के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का कारक होगा. यह क्रोयोजेनिक का तीसरा चरण होगा और मौजूदा जीएसएलवी से उच्च पैलोड क्षमता से युक्त होगा.
अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारी में इसरो
इसरो के द्वारा सार्क सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण !
पाकिस्तान ने कहा भारत ने नहीं बनाया उसे सार्क सैटेलाईट में भागीदार