नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सराहना पाने के बाद अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहा है। इस दौरान यह प्रयास में है कि जियो सिंक्रोनस सैटेलाईट जीएसएलवी पार्क 3 को लाॅन्च किया जाए। यदि इसका निर्माण सफलता के साथ होता है तो भारत अंतर्राष्ट्रीय लाॅन्चिंग व्हिकल्स पर अपनी निर्भरता को कम कर सकता है।
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। जहां भारत 103 सैटेलाईट प्रक्षेपित कर चुका है वहीं अब वह जीएसएलवी मार्क 3 पर कार्य कर रहा है। इस मामले में इसरो अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने कहा कि जीएसएलवी मार्क 3 पर हम कार्य कर रहे हैं। इसके विभिन्न चरणों पर कार्य किया जा रहा है।
यदि जून के प्रथम सप्ताह में लाॅन्चिंग होती है तो यह बेहतर होगा। दरअसल यह ाॅन्चर 4 टन वजन के उपग्रह को कैरी कर सकेगा। इससे सैटेलाईट्स को 36 हजार किलोमीटर दूर की भू स्थिर कक्षा में लाॅन्च किया जा सकता है। यदि यह प्रोजेक्ट सफल होता है तो यह इसरो के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का कारक होगा। यह क्रोयोजेनिक का तीसरा चरण होगा और मौजूदा जीएसएलवी से उच्च पैलोड क्षमता से युक्त होगा।
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