नई दिल्ली : देश का सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार वाला जीएसटी बिल 1 जुलाई से लागू होने की सम्भावना है. शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी कर प्रणाली से जुड़े दो अहम विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी गई. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी बिल के दो और पूरक विधेयक राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) और केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी (यूटीजीएसटी) के मसौदे पर काउंसिल में 16 मार्च की बैठक में विचार होगा.
गौरतलब है कि शनिवार को जीएसटी काउंसिल ने केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) विधेयकों के प्रावधानों पर मुहर लगा दी. बता दें कि जहां सीजीएसटी केंद्र सरकार को वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी लगाने का अधिकार देगा, वहीं आईजीएसटी राज्यों के बीच बिक्री पर कर व्यवस्था को तय करेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि इन सभी विधेयकों को 9 मार्च से आरम्भ हो रहे बजट सत्र में पेश किया जाएगा, लेकिन एसजीएसटी को लागू करने के लिए विधानसभाओं की मंजूरी जरुरी होगी.
आपको बता दें कि इस बैठक में जो निर्णय हुए उनमें से प्रमुख यह है कि किसानों को जीएसटी के तहत पंजीकरण से छूट मिलेगी. 20 लाख सालाना तक के कारोबार वाले व्यापारियों को जीएसटी के लिए पंजीयन नहीं करवाना होगा. पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों में ये सीमा 10 लाख रुपये होगी. 50 लाख सालाना कारोबार तक के छोटे ढाबों और रेस्तरां पर 5 फीसदी की दर से कर लगेगा. वहीं कमिश्नर स्तर के अधिकारी किस्तों में टैक्स चुकाने की छूट दे सकेंगे. निर्यातकों को 90 फीसदी टैक्स रिफंड अर्जी जमा करवाने के 7 दिनों के अंदर मिल जाएगा. रिटर्न फाइल करने और कर का भुगतान करने की अधिकांश प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. बैठक के बाद जेटली ने आशा व्यक्त की कि जीएसटी बिल को एक जुलाई तक लागू किया जा सकेगा.
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