नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक चल रही है। कुछ सूत्रों का कहना है कि काउंसिल ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और अन्य सामान पर टैक्स छूट 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी। इसी के साथ सरकार ने इसका दायरा भी बढ़ा दिया है। मिली जानकारी के तहत Ambphotericin और Tocilizumab पर कोई जीएसटी नहीं देना होगा और रेमेडिसीवर और Heparin दवा पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा।
वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध शुरू हो गया है। वहीं केरल और महाराष्ट्र ने इसका विरोध किया है। अब एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि ये फैसला जीएसटी काउंसिल के लिए आसान नहीं है, क्योंकि इसके जरिए राज्यों की मोटी कमाई होती है।
आपको बता दें कि राज्य सरकार पेट्रोल पर कई तरह के टैक्स वसूलती है ऐसे में इन्हें हटाने पर कमाई घट जाएगी। इस वजह से ये कदम बहुत क्रांतिकारी होगा। वहीं अगर हम जानकारों की माने तो पेट्रोल पर जो वैट अभी लगता है, वो पुराने सेल्स टैक्स का नया नाम है और इसका जीएसटी से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि हर राज्य ख़ुद ये फ़ैसला कर सकता है कि वो पेट्रोल पर कितना वैट लगाना है।
किन सामानों को सस्ता करने पर फैसला संभव- आज की बैठक में करीब 4 दर्जन आइटम्स पर लगने वाले जीएसटी में बदलाव पर फैसला किया जा सकता है। इसी के साथ कोरोना में इस्तेमाल होने वाली दवाई पर टैक्स में छूट की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ाने पर भी विचार हो सकता है। खबरों के अनुसार आज की बैठक में 11 कोविड दवाओं पर टैक्स छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का भी फैसला हो सकता है। आप सभी जानते ही होंगे देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई 2017 से लागू हुई थी।
‘सीता’ के किरदार को लेकर करीना और दीपिका के नाम पर हुआ ये बड़ा खुलासा