नई दिल्ली: मंगलवार को वस्तु एवं सेवा कर (GST Council) परिषद ने अपनी 50वीं बैठक में देश भर में मल्टी यूटिलिटी वाहनों (MUV) के लिए 22 प्रतिशत उपकर (Cess) लगाने की फिटमेंट समिति की सिफारिश पर सहमति जताई है. हालांकि, सेडान कारों को इस सूची में सम्मिलित नहीं किया गया है. परिषद ने सभी तरह के यूटिलिटी वाहनों पर ये उपकर लगाने का निर्णय लिया है. इसका मतलब है कि SUV वाहनों की ही भांति मल्टी-यूटिलिटी वाहन (MUV) पर भी 22 प्रतिशत उपकर लगेगा.
वही इससे पहले फैसला किया गया था कि सिर्फ स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल्स जिन्हें SUV के तौर पर जाना जाता है, जिनकी लंबाई 4 मीटर से ज्यादा 15,000 सीसी से ज्यादा इंजन क्षमता और 170 मिमी एवं उससे ज्यादा की ग्राउंड क्लीयरेंस था उन पर ही 22 प्रतिशत सेस (28 प्रतिशत GST से अलग) लगेगा. अब परिषद के बयान में कहा गया है कि परिषद ने सभी तरह के यूटिलिटी व्हीकल 'चाहे उन्हें किसी भी नाम से पुकारा जाए' उन्हें इस श्रेणी में सम्मिलित करने के लिए कानून में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है. किन्तु इस श्रेणी में वही वाहन सम्मिलित होंगे जिनकी लंबाई 4,000 मिमी से अधिक हो, जिनकी इंजन क्षमता 1500 सीसी से ज्यादा हो एवं जिनका ग्राउंड क्लीयरेंस 170 मिमी या उससे ज्यादा हो. बता दें कि इससे पहले भी सरकार ने SUV वाहनों के लिए परिभाषा को स्पष्ट किया था. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "परिषद MUV वाहनों के लिए 22 प्रतिशत सेस लगाने की सिफारिश पर सहमत हो गई है, किन्तु सेडान कारों को इस सूची में सम्मिलित नहीं किया गया है." उन्होंने कहा कि दो राज्य- पंजाब एवं तमिलनाडु सेडान को सूची में सम्मिलित करने के खिलाफ थे, इसलिए इस पर सहमति नहीं बन सकी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (मार्केटिंग और सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, "जैसी जानकारियां सामने आ रही हैं उस हिसाब से ऐसा प्रतीत होता है कि 28 प्रतिशत GST स्लैब पर 22 प्रतिशत का उपकर (Cess) अब तीन शर्तों (जो उपर बताया गया है) को पूरा करने वाले सभी वाहनों के लिए लागू होगा. सबसे पहली बात ये कि यह वाहनों की परिभाषा के बारे में भ्रम को दूर करता है, विशेष तौर पर बिना लदे वाहन की स्थिति में लिया जाने वाला ग्राउंड क्लीयरेंस के मामले में. कंपनी के कारों के भाव में वृद्धि के बारे में श्रीवास्तव का कहना है कि मारुति सुजुकी के पास इन्विक्टो को छोड़कर 1.5 लीटर से ऊपर के इंजन साइज वाला कोई वाहन नहीं है. लेकिन इन्विक्टो के पास सिर्फ एक हाइब्रिड वेरिएंट है, इसलिए इस पर उपकर लागू नहीं होना चाहिए. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है.
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