नई दिल्ली : मई के लिए वस्तु एवं सेवा कर संग्रह में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 6.67 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो कि 1,00,289 करोड़ रुपये रही। हालांकि यह संग्रह अप्रैल की तुलना में कम रहा, जो कि सर्वाधिक उच्चस्तर 1,13,865 करोड़ रुपये था।
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इस कारण पड़ता है प्रभाव
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, "साल के अंत का संग्रहण हमेशा अधिक होता है, क्योंकि फील्ड अधिकारियों पर लक्ष्य को पूरा करने का दबाव होता है।" हालांकि यह प्रचलन सामान्य है, लेकिन कम कर संग्रह से सरकार के वित्त पर निश्चित रूप से दवाब पड़ता है। अप्रैल माह के लिए 31 मई, 2019 तक कुल 72.45 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न दाखिल किए गए।
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अब तक हुआ इतना संग्रहण
इसी के साथ वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "मई, 2019 में कुल 1,00,289 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह किया गया, जिसमें से 17,811 करोड़ रुपये सीजीएसटी, 24,462 करोड़ रुपये एसजीएसटी, 49,891 करोड़ रुपये आईजीएसटी (आयात शुल्क से एकत्र किए गए 24,875 करोड़ रुपये समेत) और सेस से 8,125 करोड़ रुपये (953 करोड़ रुपये आयात शुल्क से) संग्रह किए गए।
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