नई दिल्ली : जो लोग जीएसटी के आलोचक हैं उनके लिए ही यह खबर है कि जीएसटी की सबसे ऊँची स्लैब 28 प्रतिशत वाली है .इसमें कई रोजमर्रा की चीजें शामिल है. अब इस स्लैब पर नए सिरे से विचार किया जा सकता है. इसके अलावा रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं पर टैक्स रेट घटाने पर भी विचार किया जा रहा है.सरकार में बैठे कुछ लोग इस दिशा में सक्रिय है .
बता दें कि एक अधिकारी के अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी ऐंड प्रमोशन (DIPP) ने खासतौर से छोटे उद्योगों को राहत देने के लिए ऐसे बदलाव की वकालत की है.यदि ऐसा किया गया तो कई वस्तुओं के दाम घटेंगे, जो अभी ऊंचे जीएसटी के कारण बढ़े हुए हैं. इससे इनकी मांग बढ़ सकती है.फिलहाल 28फीसदी वाले स्लैब में प्लास्टिक फर्नीचर, न्यूट्रिशनल ड्रिंक्स, ऑटो पार्ट्स, प्लाईवुड, इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स, सीमेंट, सीलिंग फैन और घड़ियों जैसे उत्पाद रखे गए हैं.
उल्लेखनीय है कि स्लैब में बदलाव के लिए जीएसटी काउंसिल ही अधिकृत है .इस संबंध में निर्णय करने वाली वह शीर्ष इकाई है. बता दें कि काउंसिल की बैठक आगामी 9-10 नवंबर को गुवाहाटी में होगी .तब इस बैठक में इस मामले पर चर्चा की जा सकती है.इस बात से रोजमर्रा की चीजों पर से जीएसटी टैक्स घटने की संभावनाओं को बल मिला है .
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