नई दिल्लीः केंद्र सरकार देश में चल रही आर्थिक मंदी को भले जनता के सामने नहीं माने। लेकिन हकीकत से वह भी अवगत है। इसलिए सरकार हर तरह के छोटे बड़े कदम उठा रही है जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आए। सरकार ने बैंकों से कहा है कि वह मार्च 2020 तक सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (MSME) के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाए। इसके अतिरिक्त सरकार ने बैंकों से एमएसएमई के कर्ज के पुनर्गठन पर काम करने को कहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से पहले ही सर्कुलर जारी किया जा चुका है जिसमें कहा गया है कि एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाए। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों को इस सर्कुलर का अनुपालन करने को कहा गया है।
बैंकों से कहा गया है कि वे एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को मार्च, 2020 तक एनपीए घोषित नहीं करें और उनके कर्ज के पुनर्गठन के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई क्षेत्र को मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने बताया कि बैंकों ने कुछ ऐसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की पहचान की हैं, जिन्हें कर्ज उपलब्ध कराया जा सकता है। ऐसे में कर्ज लेने के इच्छुक लोगों को नकदी और कर्ज उपलब्ध कराया जा सकेगा। बता दें कि सरकार मांग पैदा करने के लिए बाजार में भारी मात्रा में नकदी का प्रवा्ह करने की योजना पर काम कर रही है।
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