अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में सिटी क्राइम ब्रांच ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। जानकारी के अनुसार, 51 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, जो चंदोला झील को कचरे से भरकर उस पर अवैध निर्माण कर रहे थे। इस कार्रवाई के तहत 250 व्यक्तियों से पूछताछ की गई थी।
अवैध प्रवासियों ने झील में कचरा डालने के अलावा, पानी की रोकथाम के लिए नर्मदा पाइपलाइन को ब्लॉक कर दिया था। पुलिस ने 1985, 2011, और 2024 की सैटेलाइट तस्वीरों की समीक्षा कर इस गतिविधि की पुष्टि की। इन लोगों ने झील के कुछ हिस्सों को भरकर उन पर अवैध रूप से घर भी बना लिए थे। हालांकि, पुलिस की चार महीने की कार्रवाई में इनमें से अधिकांश घर अब खाली हो गए हैं, क्योंकि अधिकांश घुसपैठिए या तो भाग गए हैं या पकड़े गए हैं। ये घुसपैठिए, फर्जी हिंदू नामों का इस्तेमाल करके यहाँ रह रहे थे और उस नाम से फर्जी दस्तावेज भी बना लिए थे।
पुलिस की चुनौती यह है कि भागे हुए प्रवासियों का पता लगाना आसान नहीं है। यह साफ नहीं है कि वे गुजरात के अन्य हिस्सों में चले गए हैं या किसी अन्य राज्य में। पुलिस इस मामले में अन्य राज्यों के साथ जानकारी साझा कर रही है। इससे पहले, एक मामला सामने आया था जिसमें फर्जी पहचान पत्र बनाने और बांग्लादेश से महिलाओं की तस्करी का आरोप था। इन महिलाओं को वेश्यावृत्ति के लिए भारत लाया जाता था। पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके बयान पर 51 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया।
पुलिस के अनुसार, ये लोग स्थानीय पहचान पत्र बनाकर विभिन्न कामों में लगे हुए थे, जैसे दिहाड़ी मजदूरी और हस्तशिल्प। कुछ ने बांग्लादेशी महिलाओं से विवाह कर उन्हें भारत लाकर देह व्यापार में शामिल किया। इसके अलावा, ये लोग हवाला के माध्यम से बड़ी मात्रा में धन बांग्लादेश भेज रहे थे। इस घटना से संबंधित एक अन्य मामला त्रिपुरा से जुड़ा है, जहां सुरक्षा एजेंसियों ने 22 अक्टूबर 2024 को अगरतला रेलवे स्टेशन पर तीन रोहिंग्या मुस्लिम और दो बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया। उनकी योजनाओं के बारे में पूछताछ में पता चला कि वे क्रमशः हैदराबाद और मुंबई जा रहे थे।
पुणे पुलिस ने भी इसी तरह के एक सर्च ऑपरेशन में 21 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इनमें से कई के पास फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी थे। ये लोग संभवतः पैदल या नाव के माध्यम से भारतीय सीमा में प्रवेश कर चुके थे और बाद में विभिन्न स्थानों पर बस गए थे। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की सीमाओं पर मानव तस्करों के एक बड़े नेटवर्क के बारे में भी जानकारी मिली है, जो बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में घुसपैठ कराते हैं।
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