गुजरात के महिसागर जिले में खोदियार माता के एक मंदिर में घुस आए मगरमच्छ को जंगल विभाग के अधिकारियों ने रविवार को सुरक्षित निकाल लिया. मंदिर में अचानक मगरमछ के आने से हलचल तो हुई ही साथ ही लोग उसकी पूजा भी करने लगे. इसी बीच मगरमछ को पकडने वालो को भी देरी हुई क्योंकि मंदिर में आए श्रद्धालुओं ने मगरमच्छ की पूजा करनी शुरू कर दी थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.
बता दें, खोदियार माता पटेल समुदाय की अधिष्ठात्री देवी हैं. उन्हें धार्मिक साहित्य में प्राय: मगरमच्छ पर सवार बताया जाता है. इस कारण मंदिर में मगरमच्छ के आने को शुभ बताते हुए ग्रामीण पूजा-पाठ में जुट गए. महिसागर के उप वन संरक्षक आर.एम. परमार ने कहा कि मंदिर में जमा हुए लोगों ने अभियान में करीब 2 घंटे की देरी की. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जलाशयों में काफी संख्या में मगरमच्छ उपलब्ध हैं उसी में से एक मगर मंदिर के अंदर घुस आया जिसके बाद कुछ अलग ही देखने को मिला.
उन्होंने कहा कि कई बार भोजन की तलाश में ये चार-पांच किलोमीटर दूर निकल जाते हैं. परमार ने कहा, ‘यह मगरमच्छ करीब चार साल का था. कहा जा रहा है यह आराम करने के लिए मंदिर आ गया था. हम हर साल करीब 30-35 मगरमच्छों को बचाते हैं.’ लुनवाडा वन विभाग के प्रभारी आर. वी. पटेल ने बताया कि लुनवाडा तहसील के पल्ला गांव के जमा हुए लोग मंदिर में देवी की मूर्ति के पास बैठे मगरमच्छ की पूजा करने लगे और आरती उतारने लगे.
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