पटना: बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने राज्य में लागू शराबबंदी में ढील देने की मांग की है। उन्होंने नीतीश सरकार को बिहार में शराबबंदी का गुजरात मॉडल लागू करने की सलाह दी है। मांझी ने कहा कि गुजरात की तर्ज पर बिहार में भी लोगों को परमिट के जरिए शराब उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने अपनी ही महागठबंधन सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि राज्य में शराबबंदी कानून लागू करने में गड़बड़ी हो रही है। गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है। नए साल में शराबबंदी सही तरीके से लागू की जानी चाहिए।
बता दें कि, जीतनराम मांझी निरंतर शराबबंदी के मसले पर नीतीश कुमार को घेर रहे हैं। इससे पहले भी वे ताड़ी को शराबबंदी से बाहर करने की मांग कर चुके हैं। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने शुक्रवार (30 दिसंबर) को मीडिया से बात करते हुए कहा कि गुजरात में भी शराबबंदी है, मगर वहां इस तरह की बातें नहीं हो रही है। वहां सब जगह लिमिट है और कहीं आवश्यकता है, तो परमिट के साथ शराब मिल जाती है। उसी तरह से बिहार में भी होना चाहिए। यहां लोग आनन-फानन में शराब बनाते हैं और वो जहरीली हो जाती है। उसे लोग पीकर मर जाते हैं।
पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि शराबबंदी अच्छी चीज है, मगर बिहार में इसे जिस तरह से लागू किया गया है उससे समस्या हो रही है। शराबबंदी के नाम पर गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है। पुलिस गांवों में घुसकर गरीबों को शराब के फर्जी मामले में पकड़कर उन्हें जेल भिजवा रही है। शराब के बड़े तस्करों के खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए।
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