भारत के राज्य गुजरात के राज्यसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी ने अभी तक मतदान नहीं कर राजनीतिक हिसाब किताब चुकता करने का मना बना लिया है. भाजपा चाहती है बीटीपी मतदान से अलग रहे वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि बीटीपी आखिरी समय में उनके पक्ष में मतदान करेगी. राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि भाजपा के तीनों उम्मीदवार चुनाव जीत रहे हैं लेकिन कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल ही राज्यसभा का चुनाव जीत पाएंगे. भरतसिंह सोलंकी यह चुनाव हार सकते हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भाजपा, कांग्रेस व एनसीपी विधायकों ने अपना मतदान पूर्ण कर दिया लेकिन भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक छोटू वसावा व महेश वसावा अभी तक सस्पेंस बनाए हुए है. भाजपा व कांग्रेस नेता बारी बारी से उनसे मिलने विधायक निवास पर पहुंच रहे हैं लेकिन वे टस से मस नहीं हो रहे हैं. भाजपा नेता व पूर्व सांसद भरतसिंह परमार शुक्रवार सुबह सबसे पहले छोटू वसावा से मिलने पहुंचे ओर उन्हें भाजपा के पक्ष में मतदान करने अथवा मतदान से ही दूर रहने के लिए मनाने के प्रयास किए. उसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल व युवा नेता इंद्रविजय सिंह गोहिल मुलाकात करने पहुंचे. इसी बीच वसावा का बयान आया कि दोनों ही दलों ने आदिवासियों के साथ अन्याय किया है उनकी जल जंगल व जमीन की मांग को गंभीरता से नहीं लिया.
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इसके अलावा मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने आदिवासी कार्ड खेलते हुए कहा कि बीटीपी विधायक छोटू वसावा व उनके पुत्र महेश वसावा मतदान करने जरूर आएंगे, भाजपा ने आदिवासी समाज की बेटी रमीला बारा को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. बारा गुजरात में प्रशासनिक अधिकारी भी रह चुकी हैं. उधर कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया का कहना है कि बीटीपी से कांग्रेस का चुनाव पूर्व का गठबंधन है, बीटीपी कांग्रेस के समर्थन में मतदान जरुर करेगी. कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा का कहना है कि कांग्रेस ने आदिवासियों को जल जंगल व जमीन का हक दिया है. आदिवासी के अधिकारों की रक्षा करने में भाजपा सरकार विफल रही तथा बीटीपी व कांग्रेस के विचारधारा एक समान है इसलिए राज्यसभा चुनाव में उनका समर्थन कांग्रेस के साथ ही रहेगा.
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