नई दिल्ली: हाल के दिनों में देश में रेल दुर्घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिसके कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। इस बीच, वीडियो सामने आए हैं, जिसमें गुलज़ार शेख नामक व्यक्ति "एक्सपेरिमेंट" करने की आड़ में रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर और साइकिल जैसी खतरनाक वस्तुएँ रखता हुआ दिखाई दे रहा है। गुलज़ार शेख कथित तौर पर अपने YouTube चैनल के लिए व्यूज बढ़ाने के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस सहित ट्रेनों के सामने सामान रख रहा है, जिससे यात्रियों की जान जोखिम में पड़ रही है।
This is Mr Gulzar Sheikh from Lalgopalganj, UP who puts random things Infront of trains for YouTube Money, He is putting lives of 1000s of passengers in danger.
— Trains of India (@trainwalebhaiya) July 31, 2024
Strict action should be taken against him, @RailwayNorthern @rpfnr_ @drm_lko Sharing all the information Below???? pic.twitter.com/g8ZipUdbL6
ये वीडियो, जिसमें उसे रेलवे ट्रैक पर साइकिल, सिलेंडर, मोटर और अन्य सामान रखते हुए दिखाया गया है, सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। शेख, जो खुद को YouTube पर "हैकर" और "प्रयोगकर्ता" बताता है, 235,000 सब्सक्राइबरों के साथ "गुलज़ार इंडियन हैकर" नाम से एक चैनल चलाता है। उसके वीडियो में उसे ट्रैक पर वस्तुएँ रखते हुए दिखाया गया है, जिसके बाद ट्रेन के बिना टकराए उनके ऊपर से गुजरने के बाद की स्थिति को फ़िल्माया गया है, जिससे जान को खतरा हो सकता है। एक वायरल वीडियो में शेख को ट्रेन आने से पहले ट्रैक पर एक बड़ी साइकिल रखते हुए दिखाया गया है। हालांकि कोई टक्कर नहीं होती, लेकिन यह कृत्य अपने आप में एक बड़ा जोखिम पैदा करता है। अन्य वीडियो में, वह पटरियों पर एक गैस सिलेंडर, एक लोहे की मोटर और एक बाल्टी रखते हुए दिखाई देता है, बाद में इन वस्तुओं को हुए नुकसान को दिखाता है।
Identify these anti nationals who create railway accidents
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) August 1, 2024
There have been several instances of sabotage / signals being covered with paper/ deliberate obstacles being put on tracks
Look at Gulzar Sheikh.. putting stones, cycles, obstacles on rail tracks
God knows who all… pic.twitter.com/2CMg6E0Mfc
इन वीडियो के प्रसार ने शेख के खिलाफ कार्रवाई की मांग को जन्म दिया है, खासकर इसलिए क्योंकि उसके अधिकांश वीडियो प्रयागराज जिले के लालगोपालगंज इलाके के प्रतीत होते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और अन्य लोग रेलवे और पुलिस से उसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह कर रहे हैं।
ट्रेन एक्सीडेंट हादसा या साजिश ?
बता दें कि, इससे पहले केरल में मुनव्वर अली (37) और अब्बास अली (47) रेलवे की सिग्नल केबल उखाड़ते हुए पकड़े गए थे, जो ट्रेनों को निर्देश देने के काम आता है। पकड़े जाने पर उन्होंने कहा कि वे तो इसे कबाड़ में बेचने के लिए चुरा रहे थे। लेकिन, सिग्नल की नाकामी की वजह से अगर कोई हादसा हो जाता तो कौन जिम्मेदार रहता ? संभावना ये भी है कि, ये किसी आतंकी साजिश का हिस्सा हो, और मकसद ट्रेन दुर्घटना करवाना ही हो। क्योंकि, इससे पहले ऐसा हो चुका है। साल 2021 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में किरंदुल-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी, ये घटना नक्सलियों द्वारा रेल पटरी की फिश प्लेट (दो पटरियों को जोड़ने वाली प्लेट) निकलाने के कारण हुई थी। इसी तरह बंगाल में 2010 में अमिय महतो ,महंत महतो, सुनील महतो, मनोज महतो समेत कई नक्सलियों ने पटरियों की फिशप्लेट हटा दी थी, जिससे ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और दूसरी मालगाड़ी उसमे जा घुसी, इसमें 150 लोगों की दुखद मौत हुई।
वडकारा, केरल: रेलवे पुलिस ने रेलवे सिग्नल केबल काटने और हटाने के आरोप में मोहम्मद अब्बास (47) और मुनव्वर अली (37) को गिरफ्तार किया है।
— हम लोग We The People ???????? (@ajaychauhan41) June 22, 2024
रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि इससे रेलवे सिग्नलिंग प्रणाली में व्यवधान उत्पन्न हुआ, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 10 ट्रेनें विलंबित हुईं।
पुलिस के… pic.twitter.com/RgLduc40Ul
इसी प्रकार असम में 2022 में भीषण बाढ़ आई थी, इस प्राकृतिक आपदा में कई लोगों की जान चली गई थी। बाद में जांच में पता चला कि, काबुल खान, मिठू हुसैन लस्कर, नजीर हुसैन लस्कर और रिपन खान ने जानबूझकर सिल्चर डैम को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिससे पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया और लाखों लोगों के घर तबाह हो गए थे। हाल ही में बंगाल में एक रेलवे सिग्नल पर कोई अख़बार लगा गया था, जिसे RPF ने समय रहते हटा दिया, वरना वो सिग्नल भी बंद हो चुका था। ये घटनाएं बताती हैं कि, जिसे हादसा या प्राकृतिक आपदा समझा जाता है, वो आतंकियों-नक्सलियों की सोची समझी साजिश भी हो सकती है। ऐसे में सरकार और समाज को अत्यधिक जागरूक रहने की आवश्यकता है, क्योंकि इस वक़्त भारत के दुश्मन बहुत हैं, देश के अंदर भी और देश के बाहर भी।
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