सभी तरफ की गुप्त भक्ति को करने के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत उत्तम मानी गई है। इसी गुप्त नवरात्रि में महासरस्वती की भक्ति भी खास तौर पर की जाती है। इन नवरात्रों में शाकंभरी पूजन की भी प्रथा है। इस वर्ष गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई 2021 से आरम्भ होकर 18 जुलाई 2021 तक मनाई जायेगी।
गुप्त नवरात्रि में भगवती की साधना का महत्व:-
आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि मनाए जाने का ताल्लुक ऋतु परिवर्तन से भी है। जिसमें क्या मानव, पशु-पक्षी आदि भी कई प्रकार की बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं। ऐसे में इस पावन नवरात्रि में कई बिमारियों से मुक्ति के लिए शक्ति की खास साधना की जाती है। क्योकि हमारा देश कृषि प्रधान है, ऐसे में काफी हद तक हम सभी बरसात पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में आदि शक्ति को खुश करने के लिए यज्ञ, हवन, मंत्र जाप आदि खास तौर पर किया जाता है। शैव एवं शाक्त परंपरा के लिए भी गुप्त नवरात्रि बेहद अहम मानी गयी है।
गुप्त नवरात्रि के पूजन का शुभ मुहूर्त:-
11 जुलाई 2021 मतलब रविवार के दिन गुप्त नवरात्रि की भक्ति के लिए घटस्थापना की जाएगी। घट स्थापना के लिए इस दिन प्रातः 09:08 से लेकर दोपहर 12:32 बजे तक तथा दोपहर 12:05 से लेकर 12:59 बजे का वक़्त उत्तम रहेगा। 17 जुलाई को अष्टमी तथा 18 जुलाई को नवमी पड़ेगी।
साल में चार बार मनाई जाती है नवरात्रि:-
शक्ति की भक्ति के लिए नवरात्रि के नौ दिन बेहद महत्वपूर्ण माने गये हैं। माता को समर्पित नवरात्रि एक वर्ष में चार बार आती हैा
1- चैत्र नवरात्रि अथवा बासंतीय नवरात्रि
2- आषाढ़ अथवा वर्षाकालीन नवरात्रि
3- आश्विन नवरात्रि अथवा शारदीय नवरात्रि
4- माघ नवरात्रिअथवा शिशिर नवरात्रि
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