गुुरजंत सिंह और सिमरनजीत सिंह, दोनों चचेरे भाई के मान से जाने जाते है. वहीं दोनों ने हॉकी का ककहरा साथ-साथ सीखा. दोनों ही जूनियर हॉकी विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे. सिमरनजीत तो सीनियर टीम में ज्यादातर रहे जबकि गुरजंत अपनी पहचान बनाने के लिए लड़ते रहे.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि गुरजंत ने अब यहां नीदरलैंड के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग के दोनों मैचों में गोल किए. पहले मैच में तो उन्होंने 13 सेकंड में गोल किया और सबसे तेज गोल दागने वाले भारतीय बन गए. वह बताते हैं, ‘मैंने चीफ कोच ग्राहम रीड की सलाह पर खेल में सुधार किया और सीनियर टीम में वापसी करने में कामयाब रहा.’ हमारे चीफ कोच ग्राहम रीड ने पिछड़ने के बाद भी हिम्मत न हार कर हमें जीत के लिए पूरी ताकत झोंकने देने का मंत्र दिया है. हम सभी उनके इसी मंत्र पर अमल कर रहे हैं. हमें शीर्ष टीमों के खिलाफ लगातार बेहतर करना होगा.’
भारतीय टीम के जवाबी हमलों से डरती हैं टीमें: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि गुरजंत ने कहा, ‘टोक्यो ओलंपिक बहुत करीब है और मैं प्रो लीग के मैचों में निरंतर बढ़िया प्रदर्शन कर सीनियर टीम में अपनी जगह पक्की करने पर फोकस कर रहा हूं. मेरी निगाह पहले विश्व कप चैंपियन बेल्जियम और फिर दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बढ़िया प्रदर्शन पर लगी हैं. आज भारतीय टीम के जवाबी हमलों से दुनिया भर की टीमें डरती हैं.
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