आज देशभर में गुरुनानक जयंती मनाई जा रही है। गुरु नानक देव ने एकता, भाईचारा तथा जातिवाद को मिटाने के कई उपदेश दिए हैं। जानिए उनके ये 5 उपदेश।।।
ईश्वर एक है:- गुरु नानक देव ने 'इक ओंकार' का उपदेश दिया इसका अर्थ है कि ईश्वर एक है। वो प्रत्येक स्थान पर विद्यमान हैं। गुरु नानक देव बोलते हैं कि सबके साथ प्रेम एवं सम्मान के साथ रहना चाहिए।
पांच बुराई:- गुरु नानक देव जी ने जिन 5 बुराइयों को सूचीबद्ध किया, वे थे अहंकार, क्रोध , लोभ , मोह तथा वासना (काम)। जब कोई इन 5 बुराइयों से छुटकारा पाता है, तो वह ईश्वर के नजदीक हो जाता है।
समानता:- गुरु नानक देव जी ने कभी भी जाति, धर्म, नस्ल, रंग अथवा आर्थिक हालात के आधार पर मनुष्यों में पक्षपात नहीं किया। उन्होंने सरलता से अपना भोजन तथा सामान जरूरतमंदों के साथ साझा किया तथा कोई भी जरूरतमंद इंसान कभी भी गुरु नानक जी के घर से खाली हाथ नहीं गया। इसलिए हर किसी को उसका अधिकार सम्मानपूर्वक देना चाहिए। निर्धन तथा जरूरतमंदों की हर संभव सहायता करनी चाहिए।
महिलाओं का सम्मान करें:- हम आधुनिक वक़्त में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को ध्यान में रखते हुए गुरु नानक की शिक्षाओं को भूल गए हैं। उन्होंने अपने एक श्लोक में भी इस सिद्धांत का उल्लेख किया है। महिलाओं का आदर-सम्मान करना चाहिए। उन्होंने महिला तथा पुरुष में किसी तरह के पक्षपात को नहीं माना।
निःस्वार्थ सेवा:- सेवा का मतलब है निस्वार्थ सेवा, बगैर किसी लालच अथवा निजी फायदे के दूसरे की सेवा करना। गुरु नानक जी के मुताबिक, सेवा असीम आध्यात्मिक संतुष्टि का स्रोत थी। जब कोई फायदा कमाने के उद्देश्य के बिना सेवा में लिप्त होता है, तो वह अपने उच्च अस्तित्व के साथ जुड़ जाता है तथा मानसिक शांति प्राप्त करता है।
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