अपने ही शिष्य को नहीं हरा पाए थे परशुराम, जानिए क्यों?

अपने ही शिष्य को नहीं हरा पाए थे परशुराम, जानिए क्यों?
Share:

हमारे धर्म ग्रंथों में कई ऐसे गुरुओं के बारे में बताया गया है, जो आज भी हमारे लिए एक आदर्श हैं। जी हाँ और ऐसे ही एक गुरु हैं परशुराम (Parashuram)। कहा जाता है ये भगवान विष्णु के अवतारों में से एक हैं। वहीं इनके पिता का नाम ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका है। कहा जाता है अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए इन्होंने कई बार धरती से क्षत्रियों का नाश कर दिया था। केवल यही नहीं बल्कि सतयुग से लेकर द्वापरयुग तक इनका वर्णन धर्म ग्रंथों में मिलता है। आप सभी को बता दें कि धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान परशुराम आज भी जीवित हैं और कहीं तपस्या कर रहे हैं। आज हम आपको बताते हैं गुरु परशुराम से जुड़ी खास बातें।

अपने ही शिष्य को नहीं हरा पाए परशुराम- महाभारत के अनुसार, भीष्म ने अपने भाई विचित्रवीर्य के लिए काशी की राजकुमारियों का हरण कर लिया, लेकिन जब उन्हें पता चला कि अंबा नाम की राजकुमारी किसी और राजकुमार से प्रेम करती है तो उन्होंने उसे ससम्मान हस्तिनापुर से जाने दिया। हरण हो जाने के कारण राजकुमार ने उससे विवाह करने से इंकार कर दिया। तब अंबा गुरु परशुराम के पास पहुंची और अपनी परेशानी बताई। गुरु परशुराम भीष्म के पास आए और उन्हें अंबा से विवाह करने के लिए कहा, लेकिन ब्रह्मचारी होने के कारण भीष्म ने इंकार कर दिया। इस बात को लेकर गुरु परशुराम और उनके शिष्य भीष्म में युद्ध हुआ, लेकिन दोनों में से किसी की हार नहीं हुई। देवताओं ने आकर इस युद्ध को रुकवाया। जी हाँ और इस तरह परशुराम अपने शिष्य भीष्म को नहीं हरा पाए।

कुरुक्षेत्र युद्ध में परशुराम के 3 शिष्य थे- जब कौरव और पांडवों के बीच कुरुक्षेत्र में धर्म युद्ध हुआ तो उसमें कौरवों की ओर से गुरु परशुराम के 3 शिष्यों ने युद्ध किया था। जी हाँ और ये थे अंगराज कर्ण, भीष्म और गुरु द्रोणाचार्य। कहा जाता है अंगराज कर्ण ने झूठ बोलकर गुरु परशुराम से शिक्षा प्राप्त की थी, इसीलिए स्वयं गुरु परशुराम ने ही उन्हें श्राप दिया था कि "जब मेरी सिखाई हुई शिक्षा की तुम्हें सबसे ज्यादा जरूरत होगी, तो वो तुम्हारे किसी काम नहीं आएगी।" अंत में ऐसा ही हुआ और अंगराज कर्ण अजुर्न के हाथों मारे गए।

खाना बदल देगा आपकी किस्मत और ग्रह होंगे शांत, जानिए कैसे?

अगर कुंडली में है गुरु दोष तो गुरु पूर्णिमा पर करें यह उपाय

गुरु पूर्णिमा: कौरव-पांडवों के गुरु थे द्रोणाचार्य, जानिए उनकी जन्म कथा

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -