सनातन धर्म में गुरु के महत्व का खास रूप से वर्णन किया गया है। पौराणिक काल से ही गुरु का स्थान देवताओं से ऊपर बताया गया है। प्रत्येक वर्ष गुरु के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस साल गुरु पूर्णिमा का त्योहार 03 जुलाई, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के तौर पर मनाया जाता है।
पौराणिक मान्यता के मुताबिक, महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को तकरीबन 3000 ई. पूर्व हुआ था, इसलिए उनके प्रति सच्ची श्रद्धा प्रकट करने के लिए प्रत्येक वर्ष आषाढ़ पूर्णिमा को उनके जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन व्यासजी ने अपने शिष्यों को भागवतपुराण का ज्ञान दिया था, इसलिए यह दिन व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने की मान्यता बहुत वक़्त से चली आ रही है। इसे सुनने से आपके कष्ट दूर होते हैं तथा घर में आर्थिक समृद्धि बढ़ती है।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, गुरु वेद व्यासजी को प्रभु श्री विष्णु का अंश माना गया है। इसलिए गुरु पूर्णिमा पर उनकी पूजा की जाती है तथा उनके रूप माने जाने वाले सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी जाती है। विष्णु पुराण में भी यह बताया गया है कि पूर्णिमा तिथि प्रभु श्री विष्णु की पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ तिथियों में से एक है। यदि आपके घर में काफी वक़्त से आर्थिक तंगी चल रही है या फिर कारोबार में कामयाबी नहीं मिल रही है तो हर पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने से आपको खास लाभ होगा तथा आपके घर में धन की वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त नौकरी में अगर बहुत वक़्त से परेशानी चल रही है तो उसमें भी लाभ होगा।