हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस साल ये 27 जुलाई को मनाई जा रही है जिसके साथ चंद्रग्रहण भी लगने वाला है। धार्मिक दृष्टि से इसे बहुत ही खास माना जाता है और इसमें गुरु की पूजा की जाती है। वहीं ज्योतिष के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा को चांद पूर्वाषाढ़ या उत्तराषाढ़ नक्षत्र में होता है। इस पर माना जाता है कि अगर चांद उत्तर आषाढ़ नक्षत्र में हो तो वह पूर्णिमा बहुत ही शुभ और लाभ पहुंचाने वाली होती है। इसी के साथ जानते हैं इसके खास उपाय कैसे इस गुरु पूर्णिमा को खास बनाया जाये जिससे पुण्य की प्राप्ति हो सके।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सांई बाबा की निकली भव्य पालकी
* गुरु पूर्णिमा के दिन जल्दी उठकर पीपल के वृक्ष के नीचे माता लक्ष्मी का पूजन करें साथ ही सम्भव हो तो श्री सूक्त का पाठ भी कर सकते हैं।
* माँ लक्ष्मी के पूजन में आप धूप बत्ती, कपूर और इत्र का इस्तेमाल करें। इसी के साथ आप मस्तक पर केसर लगा सकते हैं और शिक्षा में उन्नति के लिए आप पीले वस्त्र, अनाज और मिठाई का दान कर सकते हैं।
चंद्रग्रहण के पहले मनाया जाएगी गुरु पूर्णिमा
* गुरु पूर्णिमा के दिन आप गुरु यंत्र के साथ श्री यंत्र का भी पूजन कर सकते हैं। बाद में एक चांदी का बर्तन अपने निवास स्थान की भूमि में दबाएं और फिर मिट्टी डालकर उस पर घी का दीपक जलाएं ऐसा करने से आपके घर का वास्तु दोष भी खत्म होगा।
* गुरु पूर्णिमा के साथ चंद्रग्रहण में भवन शिव का पूजन करें ताकि ग्रहण का प्रभाव आप पर ना हो। ग्रहण के दौरान आप जल और दूध अर्पित कर सकते हैं। चंद्रमा मन का कारक ग्रह है इसके लिए आप बीज मन्त्र का जाप कर सकते हैं।
* ग्रहण के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें और साथ ही गीता का पाठ भी कर सकते हैं जो आपको पुण्य दे सकता है। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ, श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें और रात जागकर भगवान का भजन करें।
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