गुवाहाटी: गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने कहा है कि विदेशी घोषित किए गए लोगों को जेलों में नहीं रखा जा सकता है. अदालत ने कहा कि ऐसे नागरिकों को डिटेंशन शिविरों के नाम पर जेल में कैद नहीं किया जा सकता है. उन्हें जेल परिसर में स्थित डिटेंशन सेंटर में रखना, उन्हें उनके बुनियादी मानवाधिकारों और मानवीय गरिमा से वंचित करता है.
अदालत ने असम सरकार को जेल परिसर के बाहर बनाए गए डिटेंशन सेंटर को लेकर उठाए गए कदमों के सम्बन्ध में एक रिपोर्ट भी दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट से राज्य सरकार से यह भी बताने के लिए कहा है कि यदि उसके पास उपयुक्त जगह नहीं है तो वो प्राइवेट परिसर को किराये पर ले और उसके बारे में अदालत को जानकारी दे. दरअसल, गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने जेल परिसर के अंदर अवैध विदेशियों के लिए छह डिटेंशन सेंटर के संचालन को लेकर असम सरकार को लताड़ा है. अदालत ने इसके लिए उपयुक्त आवास किराये पर लेने के बारे में 10 दिनों के भीतर एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है.
न्यायमूर्ति अचिंत्य मल्ला बुजोर बरुआ ने जेल परिसर के एक हिस्से को डिटेंशन सेंटर घोषित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के 2018 के निर्देश के अनुपालन के राज्य सरकार की दलील को भी खारिज कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने बुधवार को इस संबंध में दाखिल कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए कहा कि यहां तक कि डिटेंशन सेंटर्स के लिए जारी गाइडलाइन्स में कहा गया है कि हिरासत केंद्रीय जेल परिसर के बाहर स्थापित किए जाएंगे. अगर उपयुक्त आवास मुहैया नहीं हैं, तो राज्य सरकार प्राइवेट भवनों को किराये पर ले सकती है.
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