दुनिया में बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जो ज़िंदगी के असली मकसद को समझकर उस रास्ते पर चल पढ़ते जो उन्ही के लिए बना हुआ होता हैं. बाकी तो सभी रिश्ते-नाते, प्यार मोहब्बत और शौक-जरूरत के चक्करों में फंसकर अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं और भूल जाते हैं कि उनकी ज़िन्दगी का क्या मकसद था. रिकी मीना भी उन्ही लोगों में से एक हैं, जो अपनी ज़िन्दगी का मकसद समझ चुके हैं. अमेरिका में रहने वाले रिकी मीना को स्पाइडर-मैन की ड्रेस पहनकर बच्चों के अस्पतालों में देखा जा सकता हैं.
रिकी बताते हैं कि उन्हें एक दिन सपने में उनकी दादी दिखाई दी थी, जो उन्हें प्रोजेक्टर में एक वीडियो दिखा रही थी. वीडियो में स्पाइडर मैन एक ऐसे अस्पताल पहुंच जाता हैं जहां ढेर सरे बच्चे बीमार होते हैं. पूछने पर दादी बताती हैं कि, बेटा रिकी यह तुम हो. कल सुबह जब तुम उठोगे तो इस काम को करोगे. बस तभी से रिकी ने स्पाइडर मैन की ड्रेस धारण करके अस्पतालों में बच्चों की जान बचाने का कम शुरू कर दिया.
रिकी बताते हैं कि जब उन्होंने इस कम की शुरुआत की तब उनके पास न कोई काम था, ना ही ज़रूरतें पूरी करने का कोई साधन. रिकी अपने दोस्त के दिए हुए काउच पर ही रहते थे और सोते थे. रिकी ने बताया कि स्पाइडर मैन की ड्रेस बनवाने के लिए उनके पास पैसे भी नहीं थे, इसीलिए उन्होंने उनकी कार बेच दी. शुरूआती दौर में अस्पताल से रेस्पॉन्स अच्छी नहीं मिला, लेकिन जैसे-जैसे बच्चों की हालत में सुधार आने लगा अस्पताल वाले उन्हें खुद कॉल करके बुलाने लगे.
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