नई दिल्ली: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी जिला अदालत ने बड़ा आदेश दिया है. जिला अदालत ने कहा कि सभी सातों मामलों को एक साथ ही मर्ज कर दिया जाए. अब मामलों की सुनवाई सामूहिक रूप से की जाएगी. विवादित ज्ञानवापी परिसर से संबंधित तमाम मामलों की एक कोर्ट में एक साथ ही सुनवाई होगी. अब अलग-अलग सुनवाई नहीं की जाएगी. इस मामले में पक्षकार सीता, मंजू व्यास, लक्ष्मी और रेखा की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह आदेश दिया है.
बता दें कि मां शृंगार गौरी प्रकरण की 4 महिला वादियों ने वाराणसी जिला जज की अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया था. इन वादियो में सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक थीं. इन चारों ने न्यायालय के समक्ष आग्रह किया था कि ज्ञानवापी से संबंधित सातों मामलों की एक साथ जिला जज की अदालत में सुनवाई की जाए. चारों महिलाओं की दलील पर अदालत ने सभी मामलों की फाइलें मंगाई. आज कोर्ट ने आदेश दिया कि अब आगे से सभी मामलों की सुनवाई एक ही अदालत में सामूहिक रूप से होगी.
वादिनी महिलाओं के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने जानकारी दी है कि सभी केसों की एक साथ सुनवाई को लेकर दाखिल की गई याचिका पर विगत सोमवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई थी. सुनवाई के बाद जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज आदेश सुनाया गया है.
बरगाड़ी बेअबदी कांड का मुख्य आरोपी संदीप बरेटा को पुलिस ने दबोचा, 2015 का है मामला
कश्मीर सिंह पर NIA ने घोषित किया 10 लाख का इनाम, नाभा जेल ब्रेक मामले में है आरोपी
केरल के हिन्दू मंदिरों में शाखा नहीं लगा सकेगी RSS, जारी हुआ सर्कुलर, कांग्रेस ने किया समर्थन