बॉलीवुड फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर अपने बेहतरीन अभिनय के अलावा अपने गुस्से के लिए भी जाने जाते हैं। उनके गुस्से को लेकर कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें से एक हाल ही में हुई थी, जब नाना पाटेकर ने एक प्रशंसक को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारा था। हालांकि इसके पश्चात् नाना ने माफी मांगते हुए स्वीकार किया कि यह उनकी गलती थी और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। मगर नाना का इस तरह से गुस्सा जाहिर करना नया नहीं है। एक इंटरव्यू में उन्होंने स्वयं खुलकर यह बताया कि उनका गुस्सा कितना भयंकर होता है और यह भी माना कि अगर वे अभिनेता नहीं होते तो वे शायद अंडरवर्ल्ड में होते।
नाना पाटेकर ने इस बारे में चर्चा करते हुए बताया कि उनका गुस्सा कभी-कभी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, मगर उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह बिना कारण चीजों पर नहीं भड़कते। उनका गुस्सा तब निकलता है जब वे किसी को अपना काम सही तरीके से करते हुए नहीं देखते। अपने एक इंटरव्यू के चलते नाना ने इस पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि वे अपने काम को लेकर बेहद समर्पित रहते हैं और यही उम्मीद भी दूसरों से रखते हैं।
नाना पाटेकर ने कहा, "गुस्सा आता है यार। अब इसका मेरे फिल्म से रिश्ता है। अगर तुझे फिल्म के लिए प्यार नहीं है, तो मैं तुझे जानना भी नहीं चाहता। तुझे पूरी तरह से वहां होना चाहिए। जब तू पूरी तरह से काम में लगा होगा, तभी फिल्म को सही दिशा मिलेगी और वह सफल होगी। यदि तुझे नाम और शोहरत चाहिए, तो यह सब फोकट में नहीं मिलेगा। अगर एक फिल्म के लिए तू मेहनत नहीं करेगा, तो लोग दूसरी बार तुझे नहीं ढूंढ़ेंगे।"
नाना ने आगे कहा, "अगर कोई मुझसे गलत बात करेगा, तो मैं उसे बिना किसी संकोच के सही कर दूंगा, चाहे वह कोई बड़ा या मंझा हुआ कलाकार ही क्यों न हो। अगर मैं गलत हूं, तो उसे यह कहने का पूरा अधिकार है। और यदि कोई जूनियर आर्टिस्ट है, तो उम्र या अनुभव के हिसाब से वह जूनियर हो सकता है, लेकिन वह भी उतनी ही इज्जत का हकदार है। हम सभी एक समय पर जूनियर थे तथा हमें भी यह इंडस्ट्री अपनाने में समय लगा। कोई ऐसा इंसान जो 50 साल से इस इंडस्ट्री में है, उसमें जरूर कुछ खास होगा, जो उसने इतने सालों में किया है। 50 सालों तक हमें इंडस्ट्री वाले बर्दाश्त करते रहे, इसका मतलब हमारे पास कुछ तो है।"
नाना ने आगे बताया कि जब वो इंडस्ट्री में आए थे लोग डरते थे, मैं बहुत वायलेंट किस्म का हूं. मैं सुनता नहीं बहुत कम बोलता था. मैं तब तो बहुत वायलेंट था अब नहीं हूं. मगर आज भी कोई बात अगर बहुत हद पार चली जाए तो हाथ उठ जाता है. किन्तु मैं तब बहुत गुस्सैल था. मतलब अगर मैं एक्टर नहीं होता तो अंडरवर्ल्ड में होता. मैं मजाक नहीं कर रहा. हंसने की बात नहीं है. सच है. ये कैमरा जो मिला तो मैं एक्टर बन गया. भड़ास निकालने का ये जरिया है, लोगों के पास कौन सा जरिया है, वो कैसे भड़ास निकालेंगे. इसलिए कभी दंगल हो जाए तो सीधा सा, गरीब आदमी भी एक पत्थर उठा कर मार देता है.
नाना पाटेकर बातों बातों में ये भी बता दिया कि वो बहुत से एक्टर को थप्पड़ मार चुके हैं. वो बोले- मैंने बहुत से लोगों को मारा है, याद ही नहीं. झगड़े होते थे, इसलिए नहीं कि वो मुझसे बेहतर कर रहा है, इसलिए वो बेहतर कर नहीं रहा है. नाना पाटेकर ने इस इंटरव्यू में अपने संघर्ष एवं इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि उनका अभिनय और गुस्सा दोनों ही उन्हें इस इंडस्ट्री में पहचान दिलाने की वजह बने। अब जबकि उन्होंने अभिनेता के तौर पर सफलता हासिल की है, तो उनके गुस्से का एक अलग संदर्भ है।
बता दे कि नाना पाटेकर जल्द ही अनिल शर्मा की फिल्म वनवास में दिखाई देने वाले हैं। इस फिल्म में उनके साथ गदर फिल्म फेम अभिनेता उत्कर्ष शर्मा भी मुख्य किरदार में हैं। यह फिल्म 20 दिसंबर को रिलीज होगी, और इसे लेकर दर्शकों में खासा उत्साह है।