जाना था असम, पहुँच गए नागालैंड..! गूगल मैप ने पुलिस को भी दिया धोखा, ग्रामीणों ने जमकर पीटा

जाना था असम, पहुँच गए नागालैंड..! गूगल मैप ने पुलिस को भी दिया धोखा, ग्रामीणों ने जमकर पीटा
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गुवाहाटी: गूगल मैप्स का इस्तेमाल अक्सर हमारी जिंदगी को आसान बना देता है। लेकिन कभी-कभी तकनीक का अति-भरोसा आपको ऐसी जगह पहुंचा देता है, जहां आप कतई नहीं जाना चाहते। असम पुलिस की 16-सदस्यीय टीम ने हाल ही में इस बात का कड़वा अनुभव किया, जब अपराधी की तलाश में गूगल मैप्स पर भरोसा करना उन्हें नागालैंड की सीमा के भीतर ले गया। वहां उन्हें न सिर्फ भ्रम का सामना करना पड़ा, बल्कि स्थानीय लोगों के गुस्से का भी शिकार होना पड़ा।  

असम के जोरहाट जिले की पुलिस एक आरोपी को पकड़ने के लिए मंगलवार रात को छापेमारी पर निकली थी। चाय बागानों के बीच गूगल मैप्स की मदद से रास्ता ढूंढते-ढूंढते वे नागालैंड के मोकोकचुंग जिले में पहुंच गए। लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि उनकी इस भूल का अंजाम इतना बड़ा हो सकता है। पुलिस टीम के 16 सदस्यों में से केवल तीन ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी, बाकी सभी सादे कपड़ों में थे। अत्याधुनिक हथियारों से लैस यह टीम स्थानीय ग्रामीणों को अपराधियों का गिरोह लगी। नतीजतन, लोगों ने उन्हें रोककर हमला कर दिया।  

स्थानीय लोग पहले से सतर्क थे क्योंकि इस इलाके में अक्सर सीमावर्ती मुद्दे तनाव बढ़ा देते हैं। जैसे ही उन्होंने असम पुलिस की टीम को देखा, उन्हें लगा कि यह कोई अपराधी गिरोह है। बिना देर किए, लोगों ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया और हमला कर दिया। इस झड़प में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। स्थिति तब और खराब हो गई जब स्थानीय लोगों ने 16 में से पांच सदस्यों को तो रिहा कर दिया, लेकिन बाकी 11 को पूरी रात बंधक बनाकर रखा। असम पुलिस ने जैसे ही इस मुश्किल स्थिति की खबर सुनी, जोरहाट के वरिष्ठ अधिकारियों ने नागालैंड के मोकोकचुंग पुलिस से संपर्क किया।  

मोकोकचुंग के पुलिस अधीक्षक की पहल पर स्थानीय लोगों को समझाया गया कि ये वाकई असम पुलिस की टीम थी, न कि कोई बदमाशों का गिरोह। इसके बाद पुलिस टीम के बाकी सदस्यों को सुबह रिहा कर दिया गया। घायल पुलिसकर्मी सहित सभी सदस्य सुरक्षित रूप से जोरहाट वापस लौट आए।  

यह घटना सिर्फ एक तकनीकी गलती का नतीजा नहीं थी, बल्कि सीमावर्ती इलाकों में फैली संवेदनशीलता का भी परिणाम थी। असम और नागालैंड के बीच सीमा विवाद पहले से मौजूद है, जो ऐसे मामलों को और जटिल बना देता है। गूगल मैप्स के भरोसे सीमा पार जाने वाली पुलिस टीम को अब इस गलती से सबक मिल गया होगा कि तकनीक पर अंधा भरोसा करना हमेशा सही नहीं होता। असम पुलिस ने भी इस घटना को लेकर व्यंग्यात्मक लहजे में स्वीकार किया कि गूगल मैप्स पर जरूरत से ज्यादा भरोसा करना भारी पड़ सकता है। स्थानीय लोग भी अब शायद समझ गए होंगे कि सादी वर्दी में घूमने वाले लोग हमेशा अपराधी नहीं होते। 

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