मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के मामले की अमेरिका ने पाकिस्तान से अदालत में तथ्यपरक और त्वरित गति से सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय मुंबई हमला मामले में न्याय होते देखना चाहता है.
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अगर आपको नही पता तो बता दे कि 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले में कई विदेशियों समेत 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे. मारे गए लोगों में अमेरिकी नागरिक भी थे. अमेरिका की यह प्रतिक्रिया लाहौर की आतंकवाद निरोधी अदालत के उस फैसले के कुछ घंटे बाद आई जिसमें सईद और उसके तीन खास सहयोगियों पर आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के मामले में आरोप तय किए गए हैं. दक्षिण-मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री एलिस जी वेल्स ने ट्वीट कर हाफिज सईद और उसके सहयोगियों पर आरोप तय होने का स्वागत किया.
गुरुवार को मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और उसके तीन सहयोगियों की वकीलों की हड़ताल के चलते आतंकवाद निरोधी अदालत में पेशी नहीं हो सकी. मामले की सुनवाई अब शुक्रवार को होगी. सईद और उसके सहयोगियों की आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के मामले में पेशी होनी थी। इस मामले में अदालत ने बुधवार को सईद और उसके सहयोगियों- हाफिज अब्दुल सलाम बिन मुहम्मद, मुहम्मद अशरफ और जफर इकबाल पर आरोप तय कर दिए थे। अब मामले में गवाह और सुबूत पेश होंगे.लाहौर की अदालत के वकील अपने साथी के साथ अस्पताल में हुई घटना के विरोध में हड़ताल पर थे.
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