नई दिल्ली: पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और वर्तमान में जमात-उद-दावा से संबंध रखने वाले हाफिज सईद को तो सभी जानते हैं, हाफिज सईद भारत की अपराधिक सूची में शामिल वो शक्स है जिसकी मुंबई के 26/11 हमले में शामिल होने की बात सामने आई थी। यहां बता दें कि इस हमले में छह अमेरिकी नागरिक समेत 166 लोग मारे गए थे और इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से उसे सौंपने को कहा था।
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पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में शुमार हाफिज सईद के दो संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत को फाउंडेशन सूची से हटा लिया गया है। दरअसल जिस अध्यादेश के तहत प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को सूची में डाला गया था वह अब निष्प्रभावी हो चुका है। इसके अलावा पाकिस्तान सरकार की ओर से भी इसे प्रभावी बनाए रखने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। फरवरी में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एंटी टेररिज्म एक्ट 1997 को संशोधित करते हुए एक अध्यादेश पारित किया था जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित आतंकियों को पाकिस्तान में भी आतंकी सूची में डाला गया था और इसमें आतंकी हाफिज सईद के दो आतंकी संगठन जमात-उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन भी शामिल किए गए थे।
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गौरतलब है कि मुंबई हमले में मुख्य रूप से शामिल हाफिज सईद को पाकिस्तान ने ही पनाह दी है। जिसे लेकर भारत लगातार ही पाकिस्तान पर दबाव बनाता रहा है। यहां बता दें कि आतंकी हाफिज सईद ने उसके दोनों आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित करने वाले इस अध्यादेश को कोर्ट में चुनौती दी है और इसमें सईद ने दावा किया गया है कि यह पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ है। जानकारी के अनुसार बता दें कि 1990 में आतंकी हाफिज सईद के नेतृत्व में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का गठन हुआ था और इसमें करीब 50 हजार आतंकी शामिल हैं।
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