जैसे हमारी त्वचा में मौसम के बदलावों के अनुसार फर्क महसूस होता है, ठीक वैसे ही हमारे बाल भी मौसमी बदलाव से प्रभावित होते हैं। आइए जानते हैं कि अलग-अलग मौसम आपके बालों पर कैसे असर डालते हैं और आप साल भर अपने बालों को मौसम के प्रभाव से सुरक्षित रखने के लिए क्या कर सकते हैं।
इन मौसमों में ऐसे रखें अपने बालों का ख्याल
सर्दियां
सबसे पहले हम बात करेंगे ठंड के मौसम में बालों के क्यूटिकल की परतें उठ जाती हैं। ऐसे मे जब आप बाहर की ठंड से कमरे के गर्म माहौल में प्रवेश करते हैं तो बालों से नमी बाहर निकलती है और परिणामस्वरूप बाल रूखे और उलझे हुए हो जाते हैं। एक्सपर्ट कि माने तो सर्दियों में हमारा शरीर बालों के विकास में मददगार मेलाटोनिन का अधिका मात्रा में उत्पादन करता है। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है, लेकिन ठंडे मौसम में सूखे और नाज़ुक बालों को काफी नुकसान पहुंचता है।
गर्मियां
इस मौसम में धूप में आपके बालों का सीधा सामना खतरनाक यूवी किरणों से होता है जो बालों की आणविकक संरचना को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके चलते गर्मियों के मौसम में बाल रूखे, बेजान और बेरंग नज़र आते हैं। यूवी किरणें बालों के सिरे को भेदती हुई, उन्हें काला रंग देने वाले मेलेनिन को तितर-बितर कर देती हैं। यही वजह है कि ऐसे में कई बार बाल ब्लीच किये जैसै नज़र आते हैं।
बारिश
गर्मी के बाद आने वाले मानसून यानि बारिश के मौसम में चिपचिपाहट हवा में नमी बढ़ने का संकेत होती है। बालों की खासियत है कि वो हवा में मौजूद वाष्प को सोंख लेते हैं जिससे बालों के ढांचे में मौजूद अणु टूट जाते हैं। ऐसे में बाल यदि मोटे हैं तो उलझे दिखाई देते हैं और पतले हों तो झड़ने लगते हैं और कम दिखाई देते हैं त्वचा के विशेषज्ञ बताते हैं कि नमी के बढ़ने के साथ ही बालों के फाइबर में मौजूद हाइड्रोजन बॉन्डिंग भी बढ़ जाती है जिससे बाल उलझे और चिपचिपे हो जाते हैं।
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