पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को बिहार की हाजीपुर कोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में बरी कर दिया है। हाजीपुर सिविल कोर्ट ने 2015 के एक मामले में फैसला सुनाते हुए राजद सुप्रीमो को गवाहों और सबूतों के आधार पर बरी किया है। लालू यादव पर चुनाव प्रचार के दौरान जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए टिप्पणी करने का इल्जाम लगा था। लेकिन कोर्ट का कहना है कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे लालू यादव को दोषी माना जाए। इसी कारण उन्हें इस मामले में बरी करने का फैसला दिया गया।
यह मामला 2015 का है, जब विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान हाजीपुर के गंगाब्रिज थाना इलाके के तेरसिया में लालू यादव की एक रैली थी। भाषण के दौरान लालू पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए भड़काऊ टिप्पणी का इल्जाम लगाया गया था। बीते जून महीने में भी लालू यादव इस मामले में हाजीपुर अदालत में हाजिर हुए थे। तब उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए जज से कहा था कि वे बेकसूर हैं। अब उन्हें इस मामले में बरी कर दिया गया।
वहीं, रेलवे में भूमि के बदले नौकरी के मामले में लालू यादव के करीबी RJD नेताओं पर बुधवार को CBI ने रेड मारी। CBI टीम ने RJD से राज्यसभा सदस्य अशफाक करीम, फैयाज अहमद, MLC सुनील सिंह, पूर्व MLC सुबोध राय और बालू कारोबारी सुभाष यादव के पटना, मधुबनी सहित अन्य शहरों में स्थित ठिकानों पर रेड मारी। इस केस में CBI ने लालू यादव और राबड़ी देवी सहित अन्य लोगों को नामजद आरोपी बनाया है।
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