नई दिल्ली: एयर इंडिया ने अपने खाने के नियमों में बदलाव करते हुए घोषणा की है कि अब वह उड़ान के दौरान हिंदू और सिख यात्रियों को हलाल खाना नहीं परोसेगी। कंपनी ने बताया कि ‘MOML’ (मुस्लिम भोजन) के रूप में लेबल किए गए प्री-बुक भोजन को विशेष भोजन (SPML) के तौर पर गिना जाएगा, जिसमें हलाल प्रमाणपत्र केवल वही होगा जो MOML लेबल वाले खाने के लिए होगा।
सऊदी सेक्टर जैसे जेद्दा, दम्मम, रियाद और मदीना के लिए सभी भोजन हलाल रहेंगे, और हज उड़ानों में भी हलाल प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। हलाल का मतलब है ‘वैध’ या ‘अनुमति प्राप्त’। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार हलाल खाने का मतलब ऐसा भोजन होता है जिसे इस्लामिक विधि के अनुसार तैयार किया गया हो। हलाल मांस के लिए, जानवर को विशेष धार्मिक प्रक्रिया के तहत काटा जाता है, जिसमें उसका खून पूरी तरह बहाया जाता है और यह प्रक्रिया अल्लाह के नाम का उच्चारण करके की जाती है।
हलाल प्रक्रिया इस्लामिक आस्था के अनुसार शुद्धता और धार्मिकता का प्रतीक मानी जाती है। इस बदलाव का उद्देश्य विभिन्न धर्मों के यात्रियों की धार्मिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं का सम्मान करना है।
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