उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को एलान किया कि 15 जनवरी, 2021 से देश भर में सोने के गहनों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य हो चुकी है। इसके लिए जौहरियों को एक वर्ष की मोहलत दी जा सकती है । हॉलमार्किंग अनिवार्य किए जाने से ग्राहकों को शुद्ध सोना मिलेगा। वर्तमान में सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग ऐच्छिक है। पासवान ने कहा कि उपभोक्ता मामलों का विभाग 15 जनवरी, 2020 तक गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य बनाने से संबंधित अधिसूचना जारी कर देगा। उसके बाद एक वर्ष की मोहलत इसलिए दी गई है, जिससे ज्वैलर्स अपना पुराना स्टॉक निकाल सकें। पासवान ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्राहकों के पास जो पुरानी ज्वैलरी पड़ी है, उसकी हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की मंत्रलय की कोई योजना नहीं है।
क्या होती है हॉलमार्किंग
हॉलमार्क सोने की शुद्धता का प्रमाण होता है। अभी हॉलमार्किंग को स्वैच्छिक आधार पर लागू किया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के जरिये भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), हॉलमार्क के लिए प्रशासनिक प्राधिकार है। हॉलमार्क गोल्ड ज्वेलरी पर बीआईएस का निशान होता है। इस निशान से पता चलता है कि सोने की शुद्धता की जांच लाइसेंस्ड लैबोरेटरी में की गई है। BIS ने तीन ग्रेड - 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट के सोने के लिए हॉलमार्क के लिए मानक तय किए हैं।
जानिए कितने कैरेट सोने में कितनी फीसद होती है शुद्धता
14 कैरेट- 58.3 फीसद (583)
18 कैरेट- 75 फीसद (750)
20 कैरेट- 83.3 फीसद (833)
22 कैरेट- 91.7 फीसद (917)
24 कैरेट- 99.9 फीसद (999)
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