शिमला: एकाएक बढ़ा ही जा रहा कोरोना का प्रकोप आज पूरी दुनिया के लिए महामारी का रूप लेता रहा है. वही इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 200000 से अधिक मौते हो चुकी है. लेकिन अब भी यह मौत का खेल थमा नहीं है. इस वायरस ने आज पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. कई देशों के अस्पतालों में बेड भी नहीं बचे है तो कही खुद डॉ. इस वायरस का शिकार बनते जा रहें है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की जोलसप्पड़ पंचायत में कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद उसे कंटेनमेंट जोन में तबदील कर दिया गया है. साथ लगती पंचायतों को भी सील किया गया है. गेहूं की फसल पककर तैयार है. प्रशासन से छूट मिलने के बाद हर कोई गेहूं की फसल काटने में लगा है.इस आपदा की घड़ी में हर कोई अपने-अपने तरीके से गरीबों तथा जरूरतमंदों की सहायता कर रहा है, लेकिन जोलसप्पड़ पंचायत की प्रधान सोमा देवी ने सहायता करने का एक नायाब तरीका ढूंढा है. उन्होंने बताया कि जोलसप्पड़ पंचायत के लंबोट गांव में कांशीराम (87) पत्नी के साथ रहते हैं. वह अब बढ़ती उम्र के चलते अपने कामकाज निपटाने में असमर्थ हैं लॉकडाउन के चलते उन्हें फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे थे.
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि जब पंचायत प्रधान को पता चला कि उनकी फसल खेतों में ही खड़ी है तो अन्य महिलाओं को साथ लेकर इस बुजुर्ग दंपती की फसल कटवाने का बीड़ा उठाया. शनिवार को गांव की महिलाओं ने बुजुर्ग दंपती की गेहूं की फसल को काटा. इसकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है. प्रधान सोमा देवी ने बताया कि उनकी इस समस्या को देखते हुए गांव की महिलाओं तृप्ता देवी व सरला देवी को साथ लेकर इनकी फसल काटी गई. गरीब परिवार को लॉकडाउन में राशन भी दिया गया है. उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि अगर उनके आसपास कोई ऐसा बुजुर्ग दंपती हों तो उनकी मदद लोग जरूर करें.
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