इंदौर : इंदौर स्थित मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी अनाज मंडी छावनी में आज हम्मालों ने बहुत बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया. इन हम्मालों ने मंडी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बेहद हंगामा मचाया. भारतीय मजदूर संघ और इंदौर हम्माल फेडरेशन के नेतृत्व में हम्मालों का यह विरोध प्रदर्शन हुआ. इस प्रदर्शन में सैकड़ों हम्माल शामिल थे जिन्होंने कामबंद हड़ताल की.
हालंकि इस विरोध प्रदर्शन का पता मंडी प्रशासन को पिछले 3 दिनों से था लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने कोई भी सुरक्षा व्यवस्था और इस विरोध प्रदर्शन के कोई भी इंतज़ाम नहीं किये. ना ही कोई अधिकारी मौके पर मौजूद था. हम्मालों को इस तरह नज़रअंदाज़ करने को लेकर हम्माल और भी आक्रोशित हो गए और हंगामा मचाने लगे.
दरअसल हम्माल इस बात को लेकर विरोध कर रहे हैं कि, जब कृषि विपणन बोर्ड भोपाल, अन्तराष्ट्रीय श्रम मानकों और मानव अधिकार आयोग ने इस बात के निर्देश जारी कर दिए हैं कि कोई भी हम्माल 50 किलोग्राम से अधिक वजन नहीं उठाएगा, फिर भी इंदौर, गुना बड़नगर सहित अन्य मंडियों में अभी भी हम्मालों से 100 किग्रा. के ही बोरे क्यों उठवाये जा रहे हैं. इसके अलावा और भी कई मांगे संघ ने बतायी. इस मामले में भारतीय मजदूर संघ के राजू प्रजापति ने जानकारी दी कि, हम्माल तुलावटी योजना के सरलीकरण, पेंशन, साप्ताहिक अवकाश के साथ ही लायसेंस फीस की खामियों जैसी समस्या सहित कुल 10 मांगो को लेकर संघ ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
लेकिन जब यह ज्ञापन संघ प्रशासन को सौपना चाहता था तब ऐसे में कोई भी अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था इस पर हम्माल और भड़क गए. हम्मालों ने प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी और उग्र प्रदर्शन किया. मंडी परिसर में जब हम्मालों का हंगामा काफी बढ़ गया तब मंडी सचिव बीबीएस तोमर मौके पर पहुंचे और ज्ञापन लिया. तोमर की काफी समझाइश के बाद हम्मालों का गुस्सा शांत हुआ. इस पर सचिव ने बताया कि ज्ञापन में जिन 10 मांगो का उल्लेख हम्मालों द्वारा किया गया है उनमे से 2 प्रमुख मांगो का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, और कुछ ही समय में हम्मालों से तालमेल बैठा कर इसे लागू भी किया जायेगा.
लेकिन हम्मालों द्वारा किये गए इस प्रदर्शन और हड़ताल से बाहर आये किसानो को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इन किसानो को जो मुश्किलें उठानी पड़ी उसका जिम्मेदार और कोई नहीं बल्कि मंडी प्रशासन है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मंडी प्रशासन के पास इस बात की पूरी जानकारी थी कि हम्माल मांगो को लेकर प्रदर्शन करने वाले हैं तो प्रशासन ने इस मामले कोई भी इंतज़ाम क्यों नहीं किये. ना ही कोई अधिकारी मौके पर मौजूद था ना ही बाहर से आये किसानो के लिए कोई वैकल्पिक इंतज़ाम किये गए ताकि उन्हें किसी प्रकार कि मुश्किल ना हो.