इतिहास के स्वर्णिम दिन या मशहूर शख्सियतों को गूगल अकसर डूडल के सहारे याद करता रहता है. इसी कड़ी में शुक्रवार 13 सितंबर को भी गूगल ने एक ऐसे शख्स को डूडल बनाकर याद किया है जिसने एक बेहद महत्वपूर्ण खोज इस दुनिया को दी. आज गूगल ने डूडल के सहारे डेनमार्क के मशहूर माइक्रोबायोलॉजिस्ट हांस क्रिश्चियन ग्रैम को श्रद्धांजलि दी है. हांस क्रिस्चियन ग्रैम का जन्म 13 सितम्बर 1853 को हुआ था. आज उनका 166वां जन्मदिन माना जा रहा है.
17वीं बार प्रेग्नेंट हुई 11 बच्चों की माँ ..
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हांस क्रिस्चियन ग्रैम को उनकी खोज ग्रैम स्टेन के लिए जाना जाता है. ग्रैम स्टेन मेथड की मदद से बैक्टीरिया को अलग-अलग प्रजातियों में बांटा जा सकता है. हांस क्रिस्चियन ग्रैम ने बैक्टीरिया को दो अलग-अलग प्रजातियों में बांटा था. एक प्रजाति को ग्रैम धनात्मक के तौर पर वर्गीकॉत किया तो दूसरे को ग्रैम ऋणात्मक को तौर पर. हांस क्रिस्चियन ग्रैम ने बैक्टीरिया को उनके रासायनिक और भौतिक गुणों के आधार पर इन दो प्रजातियों में वर्गीकृत किया था. हांस क्रिस्चियन ग्रैम 1884 में बैक्टीरिया के वर्गीकरण करने के इस तरीके की खोज की थी. उनकी ये खोज विज्ञान की दुनिया में अहम खोज के तौर पर दर्ज है. उनकी इस खोज के लिए आज भी उन्हें याद किया जा रहा है.
लगातार बारिश से गुजरात में हाहाकार, सड़कें जलमग्न, कई गांवों पर बाढ़ का खतरा
हांस क्रिस्चियन ग्रैम को गूगल ने जिस डूडल के माध्यम से याद किया है उसमें ग्रैम के प्रयोग से लेकर माइक्रोस्कोप और बैक्टीरिया के नमूनों की बारीकी तक सब कुछ दिखाया गया है. हांस क्रिस्चियन ग्रैम की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने 1878 में कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ मेडिसिन की डिग्री ली. इसके बाद वह यूरोप में जीवाणु विज्ञान और फार्माकोलॉजी पर रिसर्च करने चले गए. वहां पर अपनी 5 साल की रिसर्च के बाद उन्होंने ग्रैम स्टेन की खोज की।हांस क्रिस्चियन ग्रैम ने 14 नवंबर 1938 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन जाने से पहले वह इस विश्व को अपनी एक अहम खोज दे गए जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.
भारत की वो जगह जहां रात में जाने पर ज़िंदा नही आता इंसान
71 साल की उम्र, नाव से किया विश्व भ्रमण, फिर बना यह अनोखा रिकॉर्ड