हर साल के जैसे ही इस साल भी हनुमान जयंती आने वाली है. इस साल हनुमान जयंती 8 अप्रैल को है. आपको बता दें कि हनुमान जी को शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार माना जाता है. जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हुआ और इससे ठीक पांच दिन पहले राम नवमी भी मनाई जाती है. जी हाँ, दरअसल भगवान हनुमान भगवान राम के भक्त थे और इस दिन भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी है. वैसे तो इस बार कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण मंदिरों में हनुमान जयंती नहीं मनाई जाएगी लेकिन आप घर बैठे हुए हनुमान जयंती पर पूजन कर सकते हैं.
जी दरअसल इस बार ऐसा कहा जा रहा है कि हनुमान जयंती पर विशेष संयोग है और यह संयोग चार सौ साल बाद बना है. अगर हम बड़े ज्योतिषियों की मानें तो इस बार चैत्र पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र, बालव करण, व्यतिपात योग व आनंद योग, सिद्धयोग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग हैं. कहा जाता है इन योगों के कारण इस बार हनुमान जयंती का महत्व अधिक है और इस दिन सबुह स्नान करके भगवान के सामने चौमुखी दिया जलाएं. इसी के साथ सुंदरकांड का पाठ और हनुमान चालीसा का जाप करें. आइए जानते हैं पूजा विधि.
पूजा विधि - हनुमान जी को पुरुष वाचक पुष्प जैसे गेंदा, हजारा, कनेर, गुलाब आदि ही चढ़ाएं और स्त्रीवाचक फूलों को जैसे जूही, चमेली, चम्पा, बेला आदि न चढ़ाएं. इसी के साथ प्रसाद के रूप में मालपुआ, लड्डू, हलुआ, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं. आप इस दिन गाय के घी के दीपक को अर्पित करें. इसी के साथ ध्यान रखे कि दोपहर तक कोई भी नमकीन चीज न खाएं. इस दौरान आप चाहे तो ऊर्जा उत्साह और बल प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा, सुंदर काण्ड का पाठ करें. इसी के साथ आप हनुमान जी की पूजा में लाल व पीले वस्त्र, केसरयुक्त चंदन, मूंज की यज्ञोपवीत, का उपयोग करें क्योंकि यह विशेष फल देने वाले माने जाते हैं.
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