इस बार 3 नवंबर बुधवार को छोटी दीपावली मतलब कि नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाई जाता है। हनुमान जन्मोत्सव वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहली चैत्र मास की पूर्णिमा को दूसरी कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी मतलब कि नरक चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। तो हनुमान जन्मोत्सव तथा छोटी दीपावली दोनों एक ही दिन पड़ने से यह तिथि और भी विशेष हो जाता है। यही कारण है कि यदि इस दिन आप हनुमान चालीसा के कुछ दोहों का सुमिरन कर लें तो जिदंगी की कई सारी समस्या कम हो सकती हैं साथ ही आपके बिगड़ते कार्य भी बनने लग सकते हैं।
परम्परा है कि यदि हनुमान चालीसा के -‘बुद्धिहीन तनु जानि के, सुमिरौ पवन कुमार।बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहुं कलेश विकार।।’ दोहे का नियमित तौर पर जप किया जाए तो बहुत शुभ होता है। इसके जप से सभी समस्या तथा दिक्कतें दूर हो जाती हैं। वहीं चालीसा के एक अन्य दोहे ‘भूत पिसाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे।’ का एक माला नियमित जप किया जाए तो लोगों कि जिंदगी में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा का खात्मा होता है तथा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
वहीं दोहे ‘नासे रोग हरे सब पीड़ा, जपत निरंतर हनुमत बीड़ा।’ दोहे का यदि स्फटिक माला से एक माला जप किया जाए तो लोगों का बड़ा से बड़ा रोग भी दूर हो जाता है। मगर ख्याल रखें कि यदि इस दोहे का जप पवनसुत की मूर्ति तथा तस्वीर के समक्ष तेल के दीपक में लौंग डालकर करें, तो और भी शुभ होगा। परम्परा है कि ऐसा करने से स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
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