टीम इंडिया की नई दिवार चेतेश्वर पुजारा का आज 25 जनवरी के दिन 33वां जन्मदिन है. टेस्ट क्रिकेट में मौजूदा वर्ल्ड क्रिकेट में बचे कुछ स्थापित क्लासिक टेस्ट क्रिकेटरों में शुमार पुजारा भातीय टेस्ट टीम की रीड़ की हड्डी है. पुजारा ने द वाल के नाम से मशहूर पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ के महत्वपूर्ण स्थान को भरा है, उसीक्रम पर, उसी अंदाज में बेटिंग करने वाले पुजारा को भारत की नई वाल कहा जाने लगा है. पुजारा ने अपनी शानदार क्लासिक और भरोसेमंद बेटिंग से कई मर्तबा भारतीय टीम को मुश्किल परिस्थितियों से निकाला है. साथ ही साथ कई बेहतरीन जीत भी दिलवाई है. 25 जनवरी 1988 को गुजरात के राजकोट में जन्में चेतेश्वर पुजारा को क्रिकेट की तालीम घर से ही मिली.
पुजारा के पिता अरविंद पुजारा सौराष्ट्र के लिए रणजी खेल चुके हैं. चेतेश्वर के चाचा बिपिन पुजारा भी सौराष्ट्र के लिए रणजी खेल चुके हैं. लिहाज़ा पुजारा के टैलेंट को पहचानते हुए उनके पिता अरविंद पुजारा और मां रीमा ने उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलने के लिए मोटीवेट किया. पुजारा को क्रिकेट की शुरुआती कोचिंग उनके पिता से ही मिली थी. 17 साल की उम्र में पुजारा की मां का निधन हो गया था.
तकनीक के माहिर चेतेश्वर पुजारा ने साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में अपना पहला टेस्ट खेला. 13 फरवरी 2013 को पुजारा ने अपनी दोस्त पूजा पाबरी से शादी की थी. पुजारा अब तक 57 टेस्ट मैचों में 51.08 की औसत से 4495 रन बना चुके हैं. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अहमदाबाद में अपने टेस्ट करियर की बेस्ट 206 रनों पारी खेली थी. पुजारा के नाम टेस्ट क्रिकेट में 14 शतक और 17 अर्धशतक दर्ज हैं.
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