आजादी की कभी शाम ना होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे
बची है जो 1 भी बूंद लहू की तब तक
भारत का आँचल नीलाम ना होने देंगे
भारत माता तेरी गाथा
सबसे ऊँची तेरी शान
तेरे आगे शीश झुकाएं
दें तुझको हम सब सम्मान
दे सलामी इस तिरंगे को
जिससे तेरी शान है
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान है
आजादी का जोश कभी कम नहीं होने देंगें
जब भी जरुरत पड़ी देश के लिए जान लुटा देंगे
क्योंकि भारत हमारा देश है
अब दोबारा इस पर कभी आंच नहीं आने देंगे
चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर लें
जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे
देश भक्तों के खून की वो धारा याद कर लें
चलो फिर से खुद को जागते हैं
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं
सुनहरा रंग है शहीदों के लहू से
ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकाते हैं
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी ये गुलसिता हमारा
ना पूछो ज़माने से क्या हमारी कहानी है
हमारी पहचान तो ये है कि हम हिंदुस्तानी हैं
जो अब तक ना खौला
खून नहीं पानी है
जो देश के काम ना आये
वो बेकार जवानी है
संस्कृति और संस्कार की शान मिले ऐसे
हिंदू, मुस्लमान और हिंदुस्तान मिले ऐसे
हम मिलजुल कर रहे ऐसे कि
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे
“देशभक्ति का मतलब सिर्फ ध्वज को लहराना नहीं हैं, बल्कि अपने देश को मजबूत और सशक्त बनाने में सहायता करना भी हैं।
“उस धरती पे मैने जनम लिया, ये सोच के मैं इतराता हूँ, भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ…!!!”
“जहाँ स्वतंत्रता निवास करती है, वही मेरा देश है।
“कुछ नशा तिंरगे की आन का है, कुछ नशा मातृभुमि की शान का है, फहरा देगे ये तिरंगा हर जगह, ये नशा हिंदुस्तान के सम्मान का है!”
“हम अपने सिर और दिल हमारे देश को दे सकते है! एक देश! एक भाषा! एक ध्वज!”
“अलग हैं भाषा, धर्म जात और प्रान्त, भेष, परिवेश पर हम सब का हैं गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा हैं सबसे श्रेष्ठ”
“हम से हैं ये वतन इस वतन से हैं हम, जान तक लूटा देंगें इसके लिए हम!”
आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान है!
मरने के बाद भी जिसके नाम मे जान हैं,
ऐसे जाबाज़ सैनिक हमारे भारत की शान है।