इंदौर/ब्यूरो: फिर एक बार एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया है। आपको बता दे की एंटी रैगिंग कमेटी को प्रारंभिक पड़ताल में रैगिंग के कई साक्ष्य मिले हैं। कमेटी की अनुशंसा पर कॉलेज की ओर से संयोगितागंज पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस भी दर्ज किया है। इसके चलते आठ सीनियर जांच के घेरे में आ चुके हैं, जो फर्स्ट ईयर के स्टूडेंटस की तीन माह से रैगिंग ले रहे थे।
जानकारी के अनुसार सीनियर स्टूडेंट्स अपने जूनियर्स को उनके साथियों के साथ अप्राकृतिक संबंध करने को बाध्य करते थे। साथ ही छात्राओं पर अश्लील कमेंट्स भी करवाते थे। एक जूनियर स्टूडेंट ने इन सीनियर्स के खिलाफ तमाम टेक्निकल एविडेंस जुटाए हैं। इसकी शिकायत दिल्ली यूजीसी और वहां की एंटी रैगिंग कमेटी को भेजी गई है। यह मामला अब डीन तक पहुंचा और ऑडियो, चैटिंग, लोकेशन सहित तमाम एविडेंस पुलिस को सौंपे।
रैगिंग का यह मामला कॉलेज परिसर का नहीं है लेकिन पीड़ित स्टूडेंट ने जिन आठ-दस फ्लैट में उसे प्रताड़ित किया और गलत हरकत करवाई वहां की लोकेशन, ऑडियो रिकॉर्डिंग आदि जुटा ली। उसके बाद सीनियर्स के खिलाफ शिकायत की। चूंकि मामला गंभीर है, इसलिए रविवार को एंटी रैगिंग कमेटी के सारे सदस्य (डॉक्टर्स-प्रोसेसर्स) ने तुरंत बैठक ली। जिसमें मामला सही पाया। मामले में पीड़ित स्टूडेंट द्वारा उपलब्ध कराए सारे टेक्निकल एविडेंस भी पुलिस को सौंपे हैं। शिकायत में एथिक्स के अनुसार पीड़ित व सीनियर्स के नाम नहीं बताए हैं। यह पुलिस की जांच का विषय है। उधर, पुलिस ने UGC अधिनियम की धारा 5, 17, मारपीट, धमकी सहित अन्य धाराओं में कार्रवाई की है। प्रारंभिक रूप से जांच में आठ सीनियर्स के नाम सामने आए हैं।
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