अहमदाबाद: आज बृहस्पतिवार को गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम आएंगे। भाजपा, कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी समेत कई सियासी दलों की साख दांव पर लगी है। ऐसे में नजर गुजरात के तीन युवा नेताओं पर है। ये नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर एवं जिग्नेश मेवानी है। बीते चुनाव में ये तीनों ही नेता भाजपा के लिए चुनौती बन गए थे, मगर इस बार हालात बदल गए हैं। इनमें से अल्पेश एवं हार्दिक भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं तो जिग्नेश कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में देखना है कि गुजरात के युवा नेताओं की तिकड़ी क्या विधानसभा पहुंच पाती है?
हार्दिक पटेल क्या पहुंचेंगे विधानसभा:-
गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल ने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर हार्दिक पटेल अपने गृहनगर की विरमगाम से मैदान में हैं, जिनका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा MLA लाखाभाई भरवाड़ से है। कांग्रेस की यह मजबूत सीट मानी जाती है तथा बीती दो चुनाव से निरंतर जीत रही है। हार्दिक पाटीदार समुदाय से हैं तो लाखाभाई भरवाड़ पिछड़े वर्ग से आते हैं। ऐसे में कांटे की टक्कर है।
अल्पेश ठाकोर क्या दोबारा बनेंगे विधायक:-
गुजरात क्षत्रिय ठाकोर सेना बनाकर शराब विरोधी आंदोलनकारी से पहचान बनाने वाले अल्पेश ठाकोर भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गांधीनगर दक्षिण सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका मुकाबला कांग्रेस के हिमांशु पटेल एवं AAP के देवेंद्र पटेल से है। 2017 में अल्पेश ठाकोर कांग्रेस के टिकट पर बनासकांठा की राधनपुर सीट से MLA बने थे, मगर बाद में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। 2019 में राधनपुर से उपचुनाव लड़े, मगर जीत नहीं सके। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने अल्पेश को गांधीनगर दक्षिण से उतारा है, जहां भारतीय जनता पार्टी पिछले दो चुनाव से निरंतर जीत रही है।
जिग्नेश मेवानी क्या दोबारा पहुंचेंगे विधानसभा:-
गुजरात में दलित सियासत का चेहरा माने जाने वाले जिग्नेश मेवानी कांग्रेस के टिकट पर वडगाम सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। मेवानी के सामने भारतीय जनता पार्टी ने 2012 में वडगाम में कांग्रेस से जीते मणिलाल वाघेला को उतारा है। इस सीट पर AAP एवं AIMIM के भी उम्मीदवार हैं। मेवानी 2017 में वडगाम सीट पर निर्दलीय विधायक बने थे, किन्तु कांग्रेस ने उन्हें समर्थन किया था। जिग्नेश मेवानी कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं तथा राहुल गांधी के नजदीकी नेता माने जाते हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार उतरने से मेवानी के लिए राजनीतिक चुनौती खड़ी हो गई है। ऐसे में देखना है कि मेवानी दोबारा से विधानसभा पहुंचते हैं या नहीं?
'AAP के राष्ट्रीय पार्टी बनने पर बधाई', विधानसभा चुनाव नतीजों से पहले लग गए ये पोस्टर
न राहुल की यात्रा काम आई, न केजरीवाल के फ्री वादे, गुजरात ने 'विकास' पर किया वोट
चुनाव के दौरान नेताओं ने अपनाया अनोखा हथकंडा, जानिए किस ने बटोरीं सबसे ज्यादा सुर्खियां