पप्पू और राजू एक साथ एक ही क्लास में पड़ते थे एक दिन टीचर ने बताया उन दोनों मे से एक को मोनिटर बनाया जायेगा जो ज्यादा होशियार सच्चा और ईमानदार होगा पहले पप्पू से पूछा गया तो उसने बोला वो रोज होमवर्क करता है. दोस्तों की पढाई में मदद करता है. दोस्त का झगडा होने पर खुद भी लड़ने साथ जाता है इसलिए उसे मोनिटर बनाया जाये.
मैडम पप्पू की काबिलियत से खुश हो गई और उसके नाम की घोषणा करने ही वाली थी कि तभी राजू खड़ा हुआ और बोला मैडम आपकी घोषणा से पहले में कुछ बताना चाहता हु आपको याद है मेम, कुछ टाइम पहले, ब्लैक बोर्ड पर किसी ने आपकी अश्लील तस्वीर बनाई थी और तब आपके बहुत डांटने, मारने के बाद भी किसी बच्चे ने उस दोषी का नाम नही लिया था मेम,वो लड़का पप्पू ही है इसलिए उसे मॉनिटर ना बनाया जाए | इसे कहते है मौके पर चौका
खैर ये तो हुई स्कुल की बात अब आते है राजनैतिक सत्ता पर, तो ज़नाब 182 विधानसभा सीटो वाले गुजरात में जहा 22 सालों से बीजेपी बेताज बादशाह है जहा गोधरा कांड के बाद भी चाय बनाने की कला से सत्ता परिवर्तन नही होने दिया गया वहा अचानक एक दिन पाटीदार आरक्षण के क्रांति की लहर उठती है, एक ऐसे समाज का आन्दोलन, जिसके पास कुल वोटिंग के 15% वोटर है और जो गुजरात की 80 सीटो पर सीधे-सीधे दखल रखते है और इस समाज के आरक्षण की मांग बुलंद करनेवाला युवा था हार्दिक पटेल | जिसकी गुजरती में मिक्स हिंदी शैली ने उसे रातो-रात गुजरती पाटीदारो का रॉबिनहुड पटेल बन गया | वैसे हीरा और कपड़ा व्यापार से सम्रद्ध गुजरात में बुलेट ट्रेन चलाकर गुजरती भाई-बहनों को जापानी फील देने के सपने का, शिलान्यास कर होशियार गुजरातियों को फिर अपने पाले में लाने की कोशिश मोदी एंड टीम ने की |
इसी बीच गुजरात चुनाव की घोषणा होती है और कई मुख्यमंत्री,नेता गुजरात पर्यटन दर्शन कर लोगो को बीजेपी की सेवा कथा के सारे अध्याय सुनाने लगे यहाँ तक की “घाटा हो जाये पर गद्दी ना जाये” के संकल्प पर चलते हुए जेटलीजी ने 20000 करोड़ के राजस्व घाटे को सहते हुए GST की दरो में कमी तक कर डाली, पर ये घाटा बाद में किससे वसूला जायेगा ये बताने की जरूरत नही है आप पाठक स्वयं समझदार है.
खैर यहाँ तक भी सब ठीक चल रहा था पर तभी राहुल गांधी, हाथ में पूजा की थाली लेकर “चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया हैं” गाते हुए गुजरात आते है और माँ अम्बा के चरणों में धोक देते है कही कुछ कमी न रह जाये इसलिए अक्षरधाम में भी मन्नत का दीपक जलाते है आप उनकी निष्ठां देखिये एक युवराज,सड़क पर ठेले से बिना किसी शिकायत फाफड़ा-जलेबी तक खा गये | फिर राहुल गांधी की ये पूजा और मेहनत सफल हुई और राजनीती में अलग-थलग पड़ चुकी कांग्रेस ने सत्ता के लिए हार्दिक अभिनन्दन किया और राज्य में 15% वोटरों की आवाज बनकर हार्दिक का हाथ राहुल के हाथ से मिल गया |
फिर अचानक एक सुबह सूर्य उदय हुआ मगर हार्दिक के लिए अन्धकार के साथ, एक सीडी जिसके अँधेरे में दो दिल मिल रहे थे लेकिन चुपके-चुपके youtube,fb,tv पर चलने लगा और सबने कहा ये 23 साल का हार्दिक ही है. जो बड़ा हो गया है. अब विपक्ष अपने कटाक्ष से हार्दिक का चरित्रचित्रण कर रहा है,और पक्ष उनका पक्ष लेकर कह रहा है की चुनाव का परिणाम सभी को दिखने लगा है इसलिए उनकी छवि ख़राब करने की साजिश की जा रही है .हार्दिक भी बोल रहे है ये में नी हू और चाहे जो हो में लडूंगा और जीतूँगा भी |
शाबाश हार्दिक आपके साहस को बधाई |
वैसे ये पहली बार नही है इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी का आपत्तिजनक विडियो 2012 में आया था जिसके बाद उन्हें कांग्रेस प्रवक्ता और कानून और न्याय मामलों के स्थायी संसदीय समिति के चेयरमैन के पद को त्यागना पड़ा. राजस्थान में भंवरी देवी के मंत्री महिपाल मदरेणा के साथ ही और कईं रसूखदार लोगों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखने वाले वीडियो को डिलीट करने के लिए सौदा करने की कोशिश की थी. इस मामले में मदरेणा को गहलौत सरकार से बर्खास्त कर दिया गया था.छत्तीसगढ़ के pwd मंत्री भी रासलीला करते कैमरे में कैद हो गये थे बाद में सीडी वायरल होने पर इसे साजिश बताने लगे |
वैसे हार्दिक के साथ पहले भी सीडी कांड हो चूका है पर ऐन चुनाव पर इस सीडी के आने से राजनीती के गलियारों में ये चर्चा गरम है कि बीजेपी द्वारा इस सीडी को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया है ताकि पाटीदार वोटो में सेंध लगे जा सके
पर मेरी समझ में ये नही आता की जनता का भाग्य तय करनेवाले पहले तो बंद कमरों में अपनी नैतिकता और पद की गरिमा का स्वयं चीरहरण करते है फिर उसका विडियो भी बना लेते है. या वो अपनी सुरक्षा को लेकर इतने सजग होते है कि ऐसे स्थान को चुनते है जहा पहले से hidden camera लगा हो ताकि सुरक्षा रहे या फिर वे इतने भोले होते है की उन्हें ऐसी उन्नत टेक्नोलॉजी वाले केमरो का पता ही नही है जो चुपचाप सेव कर लेते है,
पर एक सवाल ये भी दिमाग में आता है की विडियो बनानेवाला भी क्या सही समय का इंतज़ार करता है कि कब सही समय आये और उसे viral किया जाये,जैसे हार्दिक मामले में,की जैसे ही गुजरात चुनाव में हार्दिक ने कांग्रेस का हाथ थामा वैसे ही विडियो आ गया |
बहरहाल ये सीडी चुनाव में क्या गुल खिलाएगी ये तो दिसम्बर में पता चल ही जायेगा पर एक सवाल आपके बीच छोड़ रहा हू कि चाहे सीडी बनानेवाला हो या उसमे दिखनेवाला क्या इस तरह के अनैतिक और ओछी राजनीती से सत्ता पानेवालो से आपके और मेरे जैसे आमलोग राष्ट्र विकास की उम्मीद कर सकते है ? आपके जवाब का इंतज़ार हैं ?
अब सामने आया हार्दिक के हनीमून का मामला
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हार्दिक सीडी कांड : ओछी राजनीति की दखलंदाजी