देहरादून: कुंभ मेले की उपेक्षा का दोष लगाते हुए उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि वह कुंभ मेले की उपेक्षा से बहुत दुखी हैं। हरीश बुधवार को कुंभ नगरी हरिद्वार पहुंचे। यहां उन्होंने गंगा स्नान किया। तत्पश्चात, उन्होंने गंगा पूजन भी किया। जिसके पश्चात् वह तमाम अखाड़ों के संतों से भेंट करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा पूर्व सीएम हरीश रावत ने कुंभ के समारोह को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। फेसबुक पर हरीश रावत ने लिखा है कि वे केंद्र एवं प्रदेश सरकार के स्तर से कुुंभ की उपेक्षा पर दुखी है।
कुंभ की उपेक्षा के लिए केंद्र तथा प्रदेश दोनों की सरकार अपराधी है। 27 जनवरी को हरिद्वार पहुंचकर साधु संतों से मिलेंगे। ऐसा कर वे केंद्र एवं प्रदेश की सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि कुंभ की उपेक्षा सहन नहीं की जाएगी। संत ही कुंभ के वास्तविक संरक्षक हैं। कुंभ के ही केस को लेकर हरीश रावत ने 24 जनवरी को हरिद्वार में साधु संतों के मध्य में जाने की घोषणा की थी। उनका यह समारोह रद्द हो गया था। अब रावत ने फिर संतों की शरण में जाने की घोषणा की है, किन्तु इन दो दिनों में हालात भी बदल गए है।
कुंभ को लेकर केंद्र सरकार की एसओपी तथा इसके पश्चात् जारी पत्र से कुुुंभ को सीमित किया जा सकता है। इस बात पर संत नाराजगी भी व्यक्त कर सकते हैं। इससे पूर्व भी रावत ने संतों के मध्य पहुंचकर हर की पैड़ी से होकर बह रही गंगा के नाम परिवर्तित करने के केस में माफी मांगी थी। तत्पश्चात ही गंगा की धारा के नामकरण का विवाद उठ खड़ा हुआ था। इस केस में सरकार अभी तक असमंजस में है।
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