विशाल ऐतिहासिक कलश यात्रा के साथ हरिहर तीर्थ भूमिपूजन समारोह का दिव्य आगाज भी हो गया है। आज सुबह से ही कटनी जिले का माहौल धर्ममयी कहा जा रहा है। जिले से 35 किलोमीटर दूर श्री हरिहर तीर्थ भूमि पूजन संकल्प का संतों के सानिध्य में प्रदेश के यशस्वी सीएम शिवराज सिंह सहित अनेक गणमान्यजनों की उपस्थिति में समारोह अब से कुछ देर में संपन्न होने वाला है। शोभायात्रा में सुबह से मातृ शक्ति की ऐतिहासिक उपस्थिति से विजयराघवगढ़ से तीर्थ क्षेत्र तक मानों भगवा सनातनी समुद्रीय लहर चल रही थी। लोगों का बोलना है था कि ऐसी कलश शोभायात्रा इससे पहले उन्होंने कभी भी नहीं देखा।
देश के ज्ञानी मर्मज्ञ संतों के साथ मिलेगा विशिष्टजनों का सानिध्य*: खबरों का कहना है कि हिन्दू धर्म में, विष्णु (=हरि) तथा शिव (=हर) का सम्मिलित रूप हरिहर बोला जाता है। इनको शंकरनारायण तथा शिवकेशव भी कहते हैं। विष्णु तथा शिव दोनों का सम्मिलित रूप होने के कारण हरिहर वैष्णव तथा शैव दोनों के लिये पूज्य हैं। विजयराघवगढ़ की ऐतिहासिक एवं मां शारदा की पावन धरा के समीप भव्य विहंगावलोकन कराते राजा पहाड़ के नाम से प्रचलित महानदी तथा कटनी नदी के संगम के रूप में पावन प्रयाग जैसी महत्ता लिए इलाके में व्रहद हरिहर तीर्थ निर्माण का संकल्प माता, पिता, गुरुवर तथा क्षेत्र के जनजन के आशीर्वाद भी लिया है।
हरिहर शब्द ही अपने आप मे सृष्टि के पालनहार तथा उसके गतिमान होने की प्रेरणा दे रहा है। देवतुल्य सन्तों की अनुमति से हरिहर तीर्थ क्षेत्र में 108 फीट की समूचे विश्व की सबसे ऊंची गगनचुंबी भगवान श्री परशुराम जी की प्रतिमा की स्थापना के साथ भव्य तीर्थ श्री रामजन्म भूमि का रूप लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का अलौकिक मन्दिर भी देखने के लिए मिला है। पालनहार भगवान शिव की आकर्षक प्रतिमा, द्वारपयुग का बोध कराती भगवान श्री कृष्ण की ग्वाल बाल के साथ प्रतिमा सहित भक्त माता सबरी, राजा निषादराज जी की जीवंत रूप लिए प्रतिमाओं के साथ सतयुग से कलयुग तक सत्य सनातन दर्शन का सुंदर वर्णन लिए एक दिव्य स्थल के निर्माण की कल्पना को साकार करने 12 जून से निरंतर एक सप्ताह तक संतों के सनिध्य का लाभ हम सभी को सौभाग्य के रूप में प्राप्त होने वाला है।
इस विशाल एवं दुर्लभ हरिहर तीर्थ का भूमि पूजन समारोह आज 12 जून को देश के विख्यात सन्त जनों जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी, श्री अवधेशानंद जी की सौभाग्यशाली उपस्थित में किया जाने वाला है। इस अवसर के साक्षी बनेंगे हमारे प्रदेश के लोकप्रिय सीएम श्री शिवराज सिंह जी चौहान, प्रोफेसर श्री गिरीश त्रिपाठी जी। शुभ मुहूर्त में इस भूमि पूजन समारोह में आप सभी की उपस्थिति हमारे संकल्प को गतिमान बनाने वाली है।
इस सुअवसर पर संतश्रेष्ठ श्री रामभद्राचार्य जी के श्रीमुख से से श्री रामकथा को हम सभी श्रद्धालुओं के साथ श्रवण करने वाले है। 5 दिवसीय रामकथा की सुंदर तिथियों के मध्य हमे सानिध्यता मिलेगी दीदी साध्वी ऋतंबरा जी की। इतना ही नहीं आप सभी आशीष प्रदान होगा महामंडलेश्वर श्री केलाशनन्द गिरी जी, श्री जितेंद्रनन्द सरस्वती जी, श्री राजेश्वरानंद जी इत्यादि का। सन्त जनों के शुभाशीष में हमे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री रविन्द्र पूरी जी का आतिथ्य भी प्राप्त होने वाला है। साथ ही चारों पीठों के देवरूपी शंकराचार्य जी महाराज का की उपस्थिति हमारे लिए ऐतिहासिक होगी।
इस सुअवसर पर सत्य सनातन सांस्कृतिक धर्मसभा के रूप में 13 जून को सन्तों के मध्य विमर्श शास्त्रार्थ भी आयोजित होगा जिसका संचालन प्रख्यात ओजपूर्ण वक्ता एक्टर श्री आशुतोष राणा जी का संचालन हमें कृतार्थ करने वाला है। इन समस्त आयोजनों से प्रस्तावित हरिहर तीर्थ स्थल गुंजायमान होगा जो हमारे क्षेत्र के लिए किसी सर्वयज्ञ के समान अनुभूति प्रदान करने वाला है। आप सभी इन सभी दिव्य अलौकिक कार्यक्रमों में उपस्थित होकर धर्मलाभ प्राप्त करें यही अनुरोध तथा अपेक्षा है।
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