देहरादून: कुछ ही समय पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि महाराष्ट्र का घटनाक्रम देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. भाजपा ने कुर्सी के लालच में सत्ता की डकैती डाली थी, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने सटीक फैसला देकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में संविधान की जीत हुई है और इसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे. बीते बुधवार को हरिद्वार आए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र में जिस तरह से सत्ता के लिए भाजपा ने सारे नैतिक मूल्यों को ताक पर रखा, उससे भाजपा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पोल खुल गई है.
सूत्रों से मिली जानकरी के मुताबिक उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन नाइट पूरी तरह फ्लॉप रहा. कोई भी राजनीतिक दल ऐसी स्थिति में जब उसके पास समुचित समर्थन न हो, इस तरह का कदम उठाने से बचता है लेकिन भाजपा ने इससे भी परहेज नहीं किया.
'जैकेट और टोपी पर दाग लग ही गया': वहीं उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर अपने अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा कि अब तो जैकेट और टोपी पर दाग लग ही गया है. हरीश रावत ने हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि महज एक साल रह गया है. जंहा ऐसा भी कहा जा रहा है कि ऐसे में सरकार की कार्यों की धीमी गति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में हरिद्वार में हुए अर्द्घकुंभ के दौरान वे कई महत्वपूर्ण काम करना चाहते थे लेकिन केंद्र सरकार की ओर से मदद नहीं दिए जाने की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाएंगे.
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