आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। जी दरअसल यह पक्षी ऐसा है जो ज़मीन पर अपने कभी पैर नहीं रखता है। सुनकर आपको यकीन तो नहीं हो रहा होगा लेकिन यह सच है। वैसे ज़मीन पर कभी पैर न रखने वाले इस पक्षी का नाम 'हरियल पक्षी' है। आपको बता दें कि इसकी शक्ल दिखने में बिल्कुल कबूतर जैसी लगती है। इस पक्षी का रंग हल्का स्लेटी और हरे रंग से मिला होता है। इसी के साथ ही इसमें पीले रंग की धारियां होती हैं। यह पक्षी अपने रंग की वजह से ही इसे 'हरियल पक्षी' कहा जाता है।
यह पक्षी भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है और यह अपना घोंसला पीपल या बरगद जैसे ऊंचे-ऊंचे पेड़ों पर ही बनाता है और कभी ज़मीन पर नहीं उतरता। आप सभी को बता दें कि हरियल पक्षी अपना ऊंचे पेड़ों पर घोंसला घास के पत्तों और तिनकों से बनाता है। इसे खाने में इसे पत्ते, फ़ल, फूलों की कलियां, बीज, अनाज के दाने, छोटे पौधे के अंकुर पसंद हैं। केवल यही नहीं बल्कि ये पीपल से लेकर अंजीर, बड़, गूलर आदि पेड़ों के पत्ते खाता है। इसका फ़ेवरेट आहार बेर, चिरौंजी और जामुन के फल हैं। जी हाँ और यह पके फ़ल भी बड़े चाव से खाता है।
आपको बता दें कि इस पक्षी की चोंच मोटी और मजबूत होती है। ये अपनी प्यास पेड़ों के फल और पत्तियों पर जमीं ओस से पूरी कर लेता है। केवल यही नहीं बल्कि इस पक्षी का स्वभाव शर्मीला है और इंसानों को देखकर ये चुप्पी साध लेता है। हरियल पक्षी को ग्रीन पिजन यानी हरा कबूतर भी कहा जाता है। यह अपना पूरा जीवन पेड़ों पर ही आलसपन में गुज़ार देता है। यह एक शाकाहारी पक्षी है, जो आपको पेड़ों के सबसे ऊपर बैठे हुए दिख जाएगा। आपको बता दें कि महाराष्ट्र का राजकीय पक्षी है। लेकिन ये सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश में पाया जाता है।
कनाडा में दिखी ऐसी लोमड़ी कि देखते रहे गए लोग
यहां दाह-संस्कार के बाद बची राख का सूप बनाकर पीते हैं लोग, वजह उड़ा देगी होश
यहाँ बनाया गया दुनिया का सबसे ऊंचा ग्लास पिरामिड, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नाम