सावन का महीना चल रहा है और इस महीने में कई त्यौहार आते हैं, सावन महीने में आने वाले सोमवार का आज तीसरा सोमवार है और इस दिन भगवान शिव के हर मंदिर में साज-सज्जा की जा रही है और भक्तों की भीड़ लगी हुई है. हाल ही में हरियाली अमवस्या मनाई गई और हर सुहागन औरतों ने व्रत रखकर ख़ास तरीके से पूजा की.
जानें कब है हरियाली तीज, क्या है महत्व
अब आज हरियाली तीज है और इस दिन नवविवाहित महिलाएं अपने मायके जाकर इस पर्व को मनाती हैं. अगर आप इस व्रत को पहली बार रख रही है तो इस दौरान आपको इन सब बातों पर ध्यान रखना बेहद ही जरुरी है, अगर आप हरियाली तीज की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करते हैं तो आपको इसका पूरा फल प्राप्त होगा.
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ऐसा कहा जाता है कि हरियाली तीज के दिन शिव जी और मां पार्वती का पुर्नमिलन हुआ था. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी कामना के लिए शिव और पार्वती की पूजा करते हैं साथ ही कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को रखती है और भगवान शिव की आराधना करती हैं.
हरियाली तीज व्रत में इन बातों का रखें ध्यान.
1. हर सुहागिन महिलाओं को सुबह स्नान कर माँ गौरी के रेशमी वस्त्र धारण करें और अपने अपने हाथो से मां अर्धगोले आकार की मूर्ति बनाएं.
2. अपने हाथो से बनाई मूर्ति को पूजा के स्थान पर रखकर हरियाली तीज की कथा सुने और अपने पति को भी सुनाये.
3. अगर आप इस व्रत में पानी का सेवन नहीं करेंगे तो आपकी जल्द फल की प्राप्ति होगी.
4. इस दिन सुहागिनों स्त्रियों को मेहँदी जरूर लगनी चाहिए और व्रत के दौरान सभी महिलाएं नाचे गए और झूला-झूले.
5. सुहागिन महिलाएं और कुवांरी कन्या गुलाबी वस्त्र धारण कर हरी चूड़िया पहन कर सज-धजकर शिव मंदिर जाएं और भगवान शिव का जल अभिषेक करें.
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