हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में हरियाली तीज भी शामिल है। भारतीय महिलाओं के लिए यह त्यौहार विशेष होता है। प्रति वर्ष हरियाली तीज का त्यौहार सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। आइए जानिए महिलाओं को इस दिन किस विधि के साथ माता पार्वती और भगवान शिव का पूजन करना चाहिए।
हरियाली तीज व्रत पूजन विधि
- इस दिन महिलाओं को सुबह जल्दी निद्रा का त्याग कर देना चाहिए और उन्हें स्नान आदि से खुद को स्वच्छ कर लेना चाहिए।
- अब आप भगवान के सामने व्रत करने का संकल्प लें।
- तत्पश्चात घर को स्वच्छ कर लें और फिर आप तोरण से एक छोटा सा मंडप सजाए।
- अब मिट्टी से शिवलिंग, भगवान गणेश और माता पार्वती की मूर्ति बनाए। साथ ही माता की सखियों की भी कुछ प्रतिमाएं बनाए। ध्यान रहें कि आपको एक चौकी पर मिट्टी और गंगाजल की मदद से इसका निर्माण करना है।
- माता पार्वती को अब श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
- अब सभी प्रतिमाओं के सम्मुख आह्वान करें।
- अब माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करें।
- शिव जी को वस्त्र अर्पित करें और हरियाली तीज व्रत की कथा सुनें। हो सके तो पूरे परिवार के साथ इसका श्रवण करें।
क्या है हरियाली तीज का महत्व ?
धार्मिक मान्यता की माने तो सावन माह की शुक्ल पक्ष की तीज को भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। शिव पुराण में भी इस कथा का उल्लेख है। अतः इस दिन विवाहित महिलाएं माता पार्वती के साथ भगवान शिव का पूजन करती है और व्रत रखती है। इससे उनका वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है। वहीं इस दिन कुंवारी कन्याएं भी व्रत रखती है और वे व्रत अच्छी वर की प्राप्ति हेतु रखती है।
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