पूरे देश में हरतालिका तीज का त्यौहार बड़े धूम -धाम से मनाया जाता हैं। इस दिन सुहागिन अपने पति के लंबी आयु के लिए व्रत रखती है साथ ही सुख - समृद्धि की कामना भी करती है। इस दिन सभी सुहागिन पूरे 16 श्रृंगार कर मां गौरी और शिव जी की आरधना करती हैं। इतना ही नहीं अविवाहित कन्या भी यह व्रत रखती है और वह अच्छे पति की कामना करती हैं। इस दिन जो व्रत रखा जाता है उसे निर्जला व्रत कहते है। यह बहुत कठिन व्रत माना जाता हैं लेकिन क्या आप जानते है हरतालिका तीज नाम क्यो पड़ा? अगर नहीं जानते तो हम आपको बताते है।
हरतालिका तीज पर पहने ये साड़ी दिखेंगे स्टाइलिश
हरतालिका दो शब्दों से मिलकर बना है हर और तालिका। हर का मतलब होता है हरण करना और तालिका का मतलब होता है अर्थात सखी। यह त्योहार भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है इसलिए इसे तीज कहते है। वहीं हरतालिका इसलिए कहते है क्योंकि मां गौरी को उनकी सखी अपने घर से हरण कर जंगल में ले गईं थीं।
हरतालिका तीज 2018 - जानिए कैसे करे मां पार्वती - शिव जी की पूजा
मां गौरी ने भी शिव जी को पाने के लिए बहुत कठोर तप किए थे। शिव जी के लिए उन्होंने 107 बार जन्म लिया था इसके बाद में 108 वें जन्म में शिव जी ने मां गौरी को अपनी अर्धांगनी माना था। अंतत: मां गौरी की आराधना सफल हुई थी। इस वजह से यह त्योहार हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है।
यह भी पढ़ें
पर्यावरण का भी संदेश देती है हरतालिका तीज