भादो माह में जो प्रमुख त्यौहार आते हैं, उन त्यौहारों में हरतालिका तीज का त्यौहार भी आता है. हरतालिका तीज के त्यौहार के दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है और कुंवारी कन्याएं इस दिन सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती है. भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह व्रत या त्यौहार आता है. भगवान शिव और माता पार्वती का इस दिन विशेष पूजन किया जाता है. यह त्यौहार प्रत्यक्ष रूप से माता पार्वती और भगवान शिव से जुड़ा हुआ है. आइए जानते है इस त्यौहार या व्रत की पूजा विधि कैसी होती है.
हरतालिका तीज की पूजा विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi)
- हरतालिका तीज के दिन महिलाएं विशेष रूप से माता पार्वती और भगवान शिव का पूजन करती है. साथ ही श्री गणेश का पूजन भी किया जाता है. सर्वप्रथम आप पूरे शिव परिवार का आह्वान करें.
- अगली कड़ी में आपको गीली मिट्टी लेनी होगी और अब शिव जी, माता पार्वती और श्री गणेश की प्रतिमा बनाए.
- अब आप गणेश जी को तिलक करें और साथ ही उन्हें दूर्वा अर्पित करें. बता दें कि गणेश जी की प्रिय चीजों में दूर्वा भी शामिल है.
- श्री गणेश के पूजन के बाद भगवान शिव को बेलपत्र, शमिपत्री और फूल अर्पित करें. अब माता पार्वती का पूजन करें. इसके लिए आप माता को श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाए.
- आगे आपको माता पार्वती और भोलेनाथ जी दोनों को ही वस्त्र, फल आदि अर्पित करना होगा.
- पूजन समाप्ति के बाद आप सपरिवार हरतालिका तीज की कथा पढ़ें या फिर सुने.
- अंतिम कड़ी में आपको सबसे पहली भगवान श्री गणेश की आरती उतारनी होगी. साथ ही आप इसके बाद शिव जी और माता पार्वती की आरती उतारें. अब शिवजी, माता पार्वती और भगवान गणेश को भोग लगाए.
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